बांग्लादेश में लगातार अल्पसंख्यक समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है. शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद से ही बांग्लादेश में हिंसा देखने को मिल रही है. अब तक यहां दर्जनों मंदिरों को उपद्रवियों ने अपना निशाना बनाया है. जिसमें मंदिरों में तोड़फोड़ और मूर्तियों को खंडित किया गया है.
बांग्लादेश के मैमनसिंह और दिनाजपुर में बदमाशों ने दो दिनों के अंदर तीन मंदिरों को निशाना बनाया है. जिसमें उपद्रवियों ने मंदिरों में रखी 8 मूर्तियों को खंडित कर दिया है. इस उपद्रव के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने शुक्रवार को पलाशकंद गांव के 27 वर्षीय युवक को उसकी संलिप्तता के आधार पर गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ के दौरान अलाल उद्दीन नामक युवक ने अपराध कबूल कर लिया. उसे शुक्रवार दोपहर मैमनसिंह की एक अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया.
यहां अब तक नहीं हुआ मामला दर्ज
एक अन्य घटना में उपद्रवियों ने मैमनसिंह के हलुआघाट में दो मंदिरों की दो मूर्तियों को तोड़ दीं. अब तक इस मामले में पुलिस की तरफ से कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.
धार्मिक स्थलों पर हो रहे हमले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं, इससे पहले गुरुवार को पोलाशकंद काली मंदिर समिति के अध्यक्ष सुवाश चंद्र सरकार ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. दिनाजपुर के बीरगंज उप-जिले में मंगलवार को झारबारी शासन काली मंदिर में पांच मूर्तियों को तोड़ दिया गया था.
बांग्लादेश में लगातार बढ़ रहे अल्पसंख्यकों पर हमले
शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद से ही भारत और बांग्लादेश के रिश्ते कुछ खास नहीं चल रहे हैं. खासकर बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे हमलों को लेकर भारत सरकार बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को चेता चुकी है.
बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के मामले पर शुक्रवार को भारत सरकार ने जानकारी दी. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ बांग्लादेश में हिंसा के 2 हजार 200 मामले सामने आए हैं.
बांग्लादेश अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाएगा. 2022 में बांग्लादेश में यह आंकड़ा 47 और पाकिस्तान में 241 था. 2023 में यह आंकड़ा बांग्लादेश में 302 और पाकिस्तान में 103 था.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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