बरेली के बिशारतगंज में भाभी की हत्या के आरोप में दो लोगों को कोर्ट ने सजा सुनाई है. कोर्ट ने समाजवादी पार्टी नेता एवं देवर मुदित प्रताप सिंह और जेठ अरुण सिंह को 77 साल की सजा सुनाई. बरेली के बिशारतगंज थाना क्षेत्र के अतरड़ी गांव में दहेज के लिए भाभी ममता की हत्या करने का आरोप लगा था. इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अभय श्रीवास्तव की कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सजा का ऐलान किया है.
मामले की सुनवाई के दौरान सपा नेता भाभी ममता की हत्या में शामिल था. दहेज की मांग पूरी न होने पर ममता की हत्या की गई थी.
बता दें कि 29 जून 1999 को मुदित प्रताप सिंह के भाई संजय की ममता से शादी हुई थी. 17 जून 2001 को हत्या कर ममता के शव को गायब कर दिया गया था. अब 23 साल के बाद आरोपी को सजा मिली है.
हत्या के बाद दर्ज कराया गया था मामला
मायकेवालों ने पति संजय, देवर मुदित, जेठ अरुण, सासससुर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी और आरोप लगाया था कि मुदित ने तीन साल पहले बड़े भाई संजय की भी हत्या कर दी थी. पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था, लेकिन फिलहाल वह जमानत पर चल रहा था.
मुदित की पत्नी प्राची सिंह सपा की जिला पंचायत सदस्य हैं. बता दें कि दहेज हत्या में शामिल पति, सास, ससुर की पहले ही जेल हो चुकी है.
कोर्ट ने सुनाई सात-सात साल का सजा
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अभय श्रीवास्तव की कोर्ट ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया. सजा के बाद सपा नेता मुदित व भाई अरुण को भेज दिया गया.
बता दें कि ममता का मायका बनियाठेर, संभल में है सास-ससुर तिलक सिंह और श्यामा सिंह की मौत हो चुकी थी. पति संजय की भी हत्या कर दी गई थी. बाकी बचे जेठ-देवर को अब उनकी हत्या के मामले में सजा मिली है.
उल्लेखनीय है कि मुरादाबाद जिले के नगलाखामा गांव के रहने वाले विजय पाल ने 27 जून 1999 को अपनी पुत्री ममता की शादी की थी. यह शादी संजय पुत्र तिलक राम के साथ हुई थी. शादी के बाद से ही दहेज के लिए प्रताड़ित करने के आरोप लगे और उसकी हत्या कर दी गई थी.
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