Noida News :
नोएडा विकास प्राधिकरण के तत्कालीन ओएसडी रविंद्र सिंह यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में चल रही विजिलेंस जांच में शनिवार को बड़ा खुलासा हुआ। विजिलेंस की टीम ने उनके नोएडा स्थित आवास और इटावा के एक स्कूल पर छापेमारी की। इस दौरान कई अहम दस्तावेज और संपत्ति के प्रमाण जब्त किए गए।
निलंबित ओएसडी रविंद्र सिंह यादव पर विजिलेंस का शिकंजा
कमाई लाखों में और खर्च करोड़ों में, जांच में हुए ये चौंकाने वाले खुलासे #noida pic.twitter.com/NMVQZXLG2m
— Tricity Today (@tricitytoday) December 15, 2024
आय से अधिक संपत्ति का मामला
विजिलेंस जांच में यह सामने आया है कि रवींद्र सिंह यादव ने 1 जनवरी 2005 से 31 दिसंबर 2018 तक 94.49 लाख रुपये की वैध आय अर्जित की, जबकि इस दौरान उन्होंने 2.44 करोड़ रुपये खर्च किए। इसका मतलब है कि उनके खर्च उनकी आय से करीब 1.5 करोड़ रुपये अधिक रहे। विजिलेंस टीम के अनुसार, वह अतिरिक्त संपत्ति के स्रोत का कोई वैध विवरण नहीं दे सके।
नोएडा और इटावा में छापेमारी
विजिलेंस की 18 सदस्यीय टीम ने शनिवार को नोएडा सेक्टर-47 में यादव के तीन मंजिला आवास और इटावा के तलोरा नगर स्थित स्कूल पर कार्रवाई की।
• नोएडा स्थित आवास की अनुमानित बाजार कीमत 16 करोड़ रुपये आंकी गई है।
• इटावा के स्कूल परिसर की वर्तमान कीमत लगभग 15 करोड़ रुपये है, जिसमें स्कूल के सभी तकनीकी उपकरण और अन्य संसाधनों की कीमत 2 करोड़ रुपये आंकी गई है।
स्कूल और संपत्ति में अनियमितताएं
जांच में पता चला कि इटावा स्थित स्कूल का संचालन यादव के बेटे द्वारा किया जा रहा है। स्कूल पूरी तरह से अवैध रूप से निर्मित है और इसे बिना किसी वैध स्वीकृति के संचालित किया जा रहा है।
• स्कूल के संचालन में 10 बसों का उपयोग हो रहा है, जिसकी अनुमानित कीमत 1.04 करोड़ रुपये है।
• साथ ही, यादव ने मेरठ और नोएडा में एक दर्जन से अधिक प्लॉट खरीद रखे हैं, जिनकी जांच जारी है।
विजिलेंस की रिपोर्ट
विजिलेंस की टीम ने यह भी खुलासा किया है कि यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा विकास प्राधिकरण में भूखंड आवंटन और सरकारी नियमों का उल्लंघन करते हुए कई बड़े प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी। वर्ष 2007 में ओएसडी के पद पर रहते हुए उन्होंने कई प्राइवेट कंपनियों को आईटी और हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में नियमों के खिलाफ फायदा पहुंचाया।
कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया
विजिलेंस की यह कार्रवाई निदेशक, उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के निर्देश पर की गई। सभी जब्त दस्तावेजों और संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड्स को अब विस्तृत जांच के लिए शामिल किया जा रहा है।
• कानूनी कार्रवाई: विभागीय जांच के आधार पर यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)(बी) और 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
• जांच जारी: जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जा चुकी है, और आगे की कानूनी प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि सरकारी पदों का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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