पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में हालात दिन बा दिन बिगड़ते जा रहा हैं. प्रांत में आए दिन हमले हो रहे हैं, पाकिस्तान इन हमलों का जिम्मेदार तहरीक ए तालिबान को ठहराता रहा है. साथ ही अफगान तालिबान सरकार पर भी आरोप लगाता है कि वह अफगानिस्तान में TTP लड़ाकों को पनाह दे रहे हैं. जिनकी वजह से दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया है.
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर ने रविवार को कहा कि अफगानिस्तान में मौजूद तालिबान सरकार के साथ बातचीत ही क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने का एकमात्र तरीका है. अली अमीन इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के फायरब्रांड नेता माने जाते हैं. उनका अक्सर पाकिस्तान की सरकार से मतभेद होता रहता है.
जब दुनिया मान्यता दे सकती है, तो हम क्यों नहीं?
अली अमीन ने क्षेत्र में फैली अशांति पर कहा कि अगर दुनिया काबुल में तालिबान सरकार को मान्यता दे सकती है, तो “हमें भी क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए उनसे बात करनी चाहिए.” उन्होंने कहा कि तालिबान हमारा पड़ोसी मुल्क है और हमें वहां कि सरकार से बात कर मसले का हल निकालना चाहिए.
केंद्र सरकार नहीं कर रही बातचीत
उन्होंने कहा, “हमारे प्रांत की अफगानिस्तान के साथ सबसे लंबी सीमा लगती है और हमें सबसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. प्रांतीय और केंद्र सर्वोच्च समिति की बैठकों में मैंने अफगानिस्तान के साथ बातचीत शुरू करने पर चर्चा की है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का दावा है कि वह अफगानिस्तान के साथ बातचीत करेगी, लेकिन उन्होंने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.
अली अमीन ने आगे कहा, “हम अपने लोगों के बलिदान से इस लंबी सीमा का प्रबंधन कर रहे हैं. हमारी पुलिस और सुरक्षा बल शांति के लिए अपनी जान दे रही है. हम आतंकवाद के शिकार हैं, लेकिन हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि यह आगे न फैले.”
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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