उत्तर प्रदेश में संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा पर उठ रहे सवालों का जवाब डीएम और एसपी ने सिलसिलेवार दिया है. वजूखाने की खुदाई के सवाल पर डीएम राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि वीडियोग्राफी के लिए पानी निकाला गया. न तो वहां कोई खुदाई हुई और न ही कोई नपाई की गई. यह सवाल जामा मस्जिद के सदर जफर अली ने उठाए थे. उन्होंने दावा किया था कि वजूखाने की खुदाई की खबर सुनकर ही हिंसा भड़की थी. उन्होंने सर्वे की सूचना नहीं देने के भी आरोप लगाए थे. इसके जवाब में डीएम ने कहा कि कोर्ट का ऑर्डर 2.30 बजे मिला और सदर को 5 से 5.30 के बीच अवगत करा दिया गया था.
इसके बाद 23 नवंबर को 6.15 बजे उन्होंने खुद फोन कर मस्जिद के सदर जफर अली को बताया था. उस समय उन्होंने कहा था कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं हैं. ऐसे में SDM और CO को भेजकर कोर्ट की कॉपी रिसीव कराई गई. जफर अली द्वारा फायरिंग देखे जाने के सवाल पर डीएम ने पूछा कि वह मौके पर सर्वे करा रहे थे कि बाहर आकर फायरिंग देख रहे थे. उन्होंने उल्टा जफर अली के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक बार उन्होंने कहा कि पुलिस अपने हथियार चला रही थी, फिर कहा कि तमंचे चला रही थी और बाद में कह रहे हैं कि उन्हें पता ही नहीं.
अरेस्ट नहीं हुए मस्जिद के सदर जफर अली
मस्जिद के सदर जफर अली की गिरफ्तारी के सवार पर संभल एसपी ने कहा कि उन्हें न तो हिरासत में लिया गया है और न ही अरेस्ट किया गया है. उन्होंने जो बयान दिए हैं, बस उसके संबंध में उनसे पूछताछ की जा रही है. बता दें कि शाही जामा मस्जिद व हरिहर मंदिर के सर्वे के लिए कोर्ट की टीम पहुंची थी. इसी दौरान दंगाइयों ने पुलिस पर पथराव किया. इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई है. पुलिस ने इस मामले में संभल के सांसद, संभल विधायक के पुत्र व अन्य कई अन्य के खिलाफ केस दर्ज किए हैं. इस संबंध में मंडलायुक्त मुरादाबाद आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि संभल की स्थिति सामान्य है, अब दुकानों को खुलने दिया जा रहा है.
कोर्ट में अपनी बात रख सकते थे लोग
उन्होंने कहा कि केवल उपद्रव वाले स्थान पर कुछ दुकानें बंद हैं. घटना स्थल पर कोई तनाव नहीं है. हालांकि जिले भर में पुलिस और प्रशासन अलर्ट है. मंडलायुक्त के मुताबिक पुलिस को जैसे जैसे सबूत मिल रहे हैं, उसी के हिसाब से कार्रवाई भी हो रही है. कई सारे मुकदमे दर्ज हुए हैं और अभी और भी कई मुकदमे दर्ज होने की संभावना है. संभल के सांसद और विधायक के बेटे पर भी लोगों को उकसान का मामला दर्ज किया गया है.उन्होंने कहा कि सर्वे कोर्ट के आदेश पर हो रहा था और कोर्ट में सभी पक्षों को अपनी बात कहने का हक है. यदि इस सर्वे से किसी भी पक्ष को कोई दिक्कत थी तो वह कोर्ट में जाकर अपनी रख सकता था. बावजूद इसके, इन लोगों ने हिंसा का तरीका अपनाया. इसे किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
चौंकाने वाले वीडियो मिले
मंडलायुक्त के मुताबिक पुलिस को कई ऐसे चौंकाने वाले वीडियो मिले हैं, जिसमें उपद्रवी तत्व गाड़ियों में आग लगा रहे हैं. वीडियो में नजर आ रहे कई लोग बाहरी है. इनकी पहचान कराई जा रही है.उन्होंने बताया कि इसी भीड़ में से कुछ लोगों ने मस्जिद के ऊपर भी पथराव किया है. इन लोगों को भी चिन्हित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस घटना में मारे गए चारों लोगों का पोस्टमार्टम कराया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक चारों लोगों की मौत की वजह देशी कट्टे में इस्तेमाल होने वाले कारतूस से हुई है. इस मामले की पुलिस की जांच के अलावा मजिस्ट्रेटियल जांच भी कराई जा रही है.
प्रशासन ने सुरक्षा देने का काम किया
उन्होंने साफ किया कि इस घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि मस्जिद के पास जो लोग इकट्ठे हुए थे, वो ना तो स्टूडेंट हैं और ना ही किसान. इन लोगों का एक ही मकसद था कि किसी भी हाल में सर्वे ना हो. उन्होंने बताया कि पहले से साफ था कि मस्जिद का केवल सर्वे किया जाएगा. ना कि वहां कोई चीज तोड़ी फोड़ी जानी है. उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन को कोर्ट ने सुरक्षा देने की जिम्मेदारी दी थी और प्रशासन ने यही किया है.
साजिश के तहत भड़की हिंसा
उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर नई उम्र के इतने सारे लोग वहां कैसे एकत्र हुए? इनमें कोई बुजुर्ग क्यों नहीं था? बाद में इन लोगों को किसी बुजुर्ग ने कंट्रोल क्यों नहीं किया? जो बुजुर्ग यहां रोज नमाज पढ़ने आते हैं, उस दिन वो क्यों नहीं आए? जो लोग वहां आए थे, वो सब के साथ मुंह बांध कर क्यों आए थे? इससे जाहिर होता है कि यह पूरी साजिश थी और इसे नया रूप देने के लिए नई कहानी बनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि जो लोग संभल की घटना को लेकर भ्रामक जानकारी फैलाने का काम करेंगे उनके विरुद्ध भी एक्शन होगा.
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