रूस और नॉर्थ कोरिया के बीच रिश्ते काफी बेहतर बने हुए हैं. जहां एक तरफ हाल ही में सामने आया था कि नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग ने रूस को यूक्रेन के संग युद्ध के बीच हजारों सैनिक भेजे. वहीं, उसी के बाद रूस ने बदले में नॉर्थ कोरिया को 70 जानवर तोहफे में दिए. इसी के बाद अब दक्षिण कोरिया से एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि, रूस ने नॉर्थ कोरिया को S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की सप्लाई की है. इसी के बाद सवाल उठते ही कि आखिर क्यों नॉर्थ कोरिया को अचानक S-400 की जरूरत पड़ गई, क्या अमेरिका ने नॉर्थ कोरिया पर हमले की तैयारी कर ली है.
रूस ने नॉर्थ कोरिया को जो एयर डिफेंस सिस्टम S-400 दिए हैं, वो दुनिया के सबसे बेहतरीन एयर डिफेंस सिस्टम में से एक है. इसकी डिमांड पूरी दुनिया में है, इस सिस्टम को हासिल करने के लिए युद्ध के पहले ही कई देशों से रूस को ऑर्डर मिल चुके हैं, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि, बिना डिमांड के ये एयर डिफेंस उस देश को मिल गया है, जिसने अमेरिका को न्यूक्लियर वेपन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत सबसे ज्यादा परेशान किया है. यह देश है नॉर्थ कोरिया.
रूस ने क्यों दी किम को S-400
नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग हमेशा अमेरिका विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं, लेकिन प्रश्न ये है कि, आखिर नॉर्थ कोरिया को S-400 की जरूरत क्यों पड़ी? रूस ने इतने कम समय में S-400 की खेप नॉर्थ कोरिया तक क्यों पहुंचाई? इस सवाल का जवाब है कि अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने से पहले अमेरिका बारूदी तैयारी कर रहा है, जिसकी ज़द में नॉर्थ कोरिया भी है.
इसी के बाद सवाल उठते हैं कि अमेरिका ने क्या नॉर्थ कोरिया पर हमले की तैयारी कर ली है? क्या नॉर्थ कोरिया ही वो देश है जो रूस को कमजोर नहीं पड़ने दे रहा है? क्या नॉर्थ कोरिया पर हमले का कोई खुफिया इनपुट रूस को मिला है? इन सवालों के पुख्ता जवाब किसी के पास नहीं हैं, लेकिन परिस्थिति ऐसी बन गई है कि जिसमें नॉर्थ कोरिया टारगेट पर नजर आ रहा है और S-400 की खेप मिलना इसकी पुष्टि करता है.
नॉर्थ कोरिया ने रूस को भेजे सैनिक
दक्षिण कोरिया के खुफिया विभाग के अधिकारियों ने एक बड़ा खुलासा किया है. इस खुलासे के तहत यूक्रेन के युद्ध में रूस को समर्थन के बदले नॉर्थ कोरिया को एयर डिफेंस सिस्टम दिए गए हैं. S-400 डिफेंस सिस्टम की डील प्योंगयांग और मॉस्को के बीच हो चुकी है. हालांकि, दक्षिण कोरिया ने दावा किया है कि इसके बदले में नॉर्थ कोरिया ने अपने 10,000 से ज्यादा सैनिक रूस भेजे हैं.
दक्षिण कोरिया के इस दावे की पुष्टि अमेरिकन मीडिया की वो रिपोर्ट करती है, जिसमें यूक्रेन के डिफेंस सोर्स का इस्तेमाल किया गया है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नॉर्थ कोरिया के सैनिक डोनेस्क ओब्लास्ट में रूस की वर्दी पहनकर युद्ध में उतरे हैं. इस रिपोर्ट के तहत 22 नवंबर को खारकीव में नॉर्थ कोरियाई सैनिक पहुंचे थे. रूस की वर्दी में सैनिकों को देखते ही यूक्रेनी फोर्स ने उन पर हमला कर दिया. ये हमला यूक्रेन की 153वीं सेपरेट मैकेनाइज्ड ब्रिगेड ने अंजाम दिया था और इसी हमले में नॉर्थ कोरिया का एक बड़ा सैन्य अधिकारी घायल हो गया था.
इसी के बाद अमेरिका ने यूक्रेन में नॉर्थ कोरिया की भूमिका को गंभीरता से लिया है और हमले से जुड़ी सभी जानकारियां जुटाईं. जानकारियों में पता चला कि यूक्रेनी वायु सेना ने भी ब्रिटेन से मिली स्टॉर्म शैडो मिसाइल से रूस और नॉर्थ कोरिया की कमांड वाली नियंत्रण चौकी पर हमला किया था, जिसमें 20 से ज्यादा बड़े सैन्य अधिकारी मारे गए थे.
इस के बाद अमेरिका के रक्षा डिपार्टमेंट पेंटागन ने स्टेटमेंट जारी करते हुए, चेतावनी दी कि नॉर्थ कोरियाई सैनिक जहां भी हैं, वो टारगेट पर हैं और रूस के साथ उसके गठबंधन को तोड़ना अब अमेरिका की प्राथमिकता है. इस चेतावनी का सीधा मतलब है कि 20 जनवरी से पहले नॉर्थ कोरिया के खिलाफ भी ऑपरेशन ऑल आउट शुरू होने की आशंका बढ़ गई है.
ब्यूरो रिपोर्ट, टीवी 9 भारतवर्ष
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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