बॉलीवुड के मशहूर एक्टर अनुपम खेर गोवा में चल रहे 55वें इफ्फी (55वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया गोवा 2024) में शामिल हुए. इस फेस्टिवल में उन्होंने अपनी आने वाली फिल्मों की जानकारी ऑडियंस के साथ शेयर की. अनुपम खेर ने बताया उनकी साल 2025 में रिलीज होने वाली फिल्म ‘तन्वी द ग्रेट’ की शूटिंग पूरी हो चुकी है. वो इस फिल्म के निर्देशक और प्रोड्यूसर दोनों ही हैं. ‘तन्वी द ग्रेट’ के अलावा अनुपम ‘द रिटर्न’ नाम की फिल्म पर भी काम कर रहे हैं. अपनी फिल्मों के बारे में बात करते समय अनुपम ने बताया कि क्यों उन्हें कोई भी रिस्क लेने से डर नहीं लगता.
अनुपम खेर ने बताया कि मुझे याद है, मैंने अपने टीचर की, पिता की, अंकल की नकल उतारना शुरू कर दिया था. मैं लोगों को दिखाता था कि ये ऐसे बात करते हैं, ये ऐसे चलते हैं. तो मेरी एक पहचान बन गई कि अरे उस लड़के को बुलाओ, जो लोगों की नकल उतारता है. मैं भी मेरे इस सफर से बहुत खुश था, लेकिन फेलियर का डर तो हमेशा से था. पर मेरे पापा, जो बैंक के महज एक क्लर्क थे, उन्होंने ये फेलियर का डर ही मेरे अंदर से निकाल दिया.
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— Anupam Kher (@AnupamPKher) November 21, 2024
क्लास में 59वें नंबर पर आए थे अनुपम खेर
आगे अनुपम खेर बोले कि मुझे याद है, मैं 9वीं कक्षा में था और आपको याद होगा कि तब एक रिपोर्ट कार्ड आता था, जो आपको घर पर दिखाकर उसपर पेरेंट्स के साइन लेने पड़ते थे. उस समय मैं ये मौका देखता था कि मैं मेरे पापा के सामने वो रिपोर्ट कार्ड तब लेकर जाऊं, जब वो जल्दी में हो, ताकि वो बिना रिपोर्ट कार्ड देखे ही उसपर साइन कर दें. तो जब मैंने ये मौका देखकर, उन्हें रिपोर्ट कार्ड दिया तो वो जल्दी में थे. लेकिन फिर भी उन्होंने मेरा रिपोर्ट कार्ड देखा और फिर मुझसे पूछा कि तुम अपनी क्लास में 59वें नंबर पर आए हो. मैंने कहा, ‘हां’. तब उन्होंने फिर से पूछा कि स्टूडेंट कितने थे? मैंने फिर जवाब दिया, ’60’.
पापा ने बदल दी जिंदगी
अनुपम खेर को उम्मीद थी कि उनकी बात सुनकर उन्हें पापा खूब डांट लगाएंगे. लेकिन उन्होंने बताया कि लंबा पॉज लेने के बाद पापा ने मुझसे कहा कि बेटा एक बात तो है कि जो क्लास में फर्स्ट आता था, वो हमेशा टेंशन में रहता है कि अब उसे आगे भी हमेशा फर्स्ट आना है. अगर कभी वो सेकेंड भी आता है, तो उसे लगता है कि उसके लिए वो डिमोशन ही है. लेकिन जो 59वें स्थान पर आता है, वो 47, 37 या 24वें रैंक पर भी जा सकता है. एक काम करना नेक्स्ट टाइम 48वा रैंक लेकर आना. फिर उन्होंने मुझे एक बड़ी ही खूबसूरत बात बताई कि असफलता महज एक घटना है, इंसान असफल नहीं होता (फेलियर इज इवेंट, नॉट ए पर्सन).
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