नागपुर में RSS के आशीर्वाद से जीतेगा हाथ का पंजा?
महाराष्ट्र के दंगल में चुनाव प्रचार उफान पर है. बड़े से लेकर छोटे नेता तक जनता को रिझाने के लिए नए-नए प्रयोग कर रहे हैं. ऐसा ही एक सियासी प्रयोग नागपुर मध्य में हो रहा है. आरएसएस मुख्यालय को लेकर सुर्खियों में रहने वाला नागपुर मध्य विधानसभा सीट पर हो रहा चुनावी कैंपेन कांग्रेस के प्रत्याशी बंटी शेलके की चलते चर्चा में है.
पंजा सिंबल पर मैदान में उतरे बंटी जीत के लिए लगातार संघ और बीजेपी नेताओं से आशीर्वाद ले रहे हैं. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. कहा जा रहा है कि बंटी संघ के आशीर्वाद से नागपुर की इस सीट पर कांग्रेस के पंजा को जिताने में जुटे हैं.
कौन हैं कांग्रेस प्रत्याशी बंटी शेलके?
नागपुर मध्य के स्थानीय निवासी रुषिकेश उर्फ बंटी शेलके स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स के जरिए राजनीति में आए. वे नागपुर में कांग्रेस की युवा और छात्र इकाई के कई बड़े पदों पर रह चुके हैं. 2019 में कांग्रेस ने उन्हें नागपुर मध्य से प्रत्याशी बनाया था.
चुनावी हलफनामे के मुताबिक बंटी ने पॉलटेक्निक की पढ़ाई की है. उनके पास कुल 4 लाख की संपत्ति है. बंटी पर कुल 36 मुकदमे दर्ज हैं. कोरोना के वक्त ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने की वजह से भी बंटी सुर्खियों में आए थे.
बंटी को फिर से कांग्रेस ने मैदान में उतारा है. सीट वही नागपुर मध्य की है.
नागपुर मध्य सीट क्यों है खास?
भारतीय जनता पार्टी की मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय नागपुर मध्य में ही है. मतलब संघ के सभी बड़े दिग्गज यहीं पर बैठते हैं. संघ प्रमुख का वोट भी इसी विधानसभा में है.
इसके अलावा नागपुर के राजा भोसले का किला भी इसी इलाके में है. नागपुर मध्य सीट में व्यापार की वजह से भी जाना जाता है. शहर के अधिकांश बड़े बाजार इसी इलाके के अधीन है.
यहां 2009 से लगातार बीजेपी जीत रही है. मुस्लिम बहुल होने के बावजूद कांग्रेस लगातार तीन चुनाव से यहां पिछड़ रही है. पार्टी को इस बार यहां से खेल होने की उम्मीद है.
नागपुर मध्य सीट का जातीय समीकरण
नागपुर मध्य सीट पर कुल 314695 वोटर्स हैं. जातीय आधार पर बात की जाए तो नागपुर मध्य में मुसलमानों की आबादी 22 प्रतिशत के करीब है. यहां पर दलित 9 प्रतिशत और आदिवासी 20 प्रतिशत के आसपास हैं.
इसके अलावा सीट पर जैन समुदाय की आबादी एक प्रतिशत है. आमतौर पर इस सीट पर 50 से 55 प्रतिशत के बीच वोटिंग होती है.
बीजेपी ने इस बार बदल दिए उम्मीदवार
विकास कुंभारे ने 2009 में कांग्रेस के रामचंद्र को हराया था. कुंभारे इसके बाद लगातार इस सीट से जीतकर विधानसभा तक पहुंचे. इस बार बीजेपी ने यहां से उम्मीदवार बदल दिए हैं. पार्टी ने प्रवीण डाटके को मैदान में उतारा है.
प्रवीण डाटके के अलावा यहां से हल्बा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले रमेश पुणेकर मैदान में हैं. कांग्रेस से बंटी शेलके ताल ठोक रहे हैं. नागपुर मध्य में हल्बा समुदाय किंगमेकर की भूमिका में रहती है. वर्तमान में समुदाय के लोग आरक्षण को लेकर विरोध कर रहे हैं.
आशीर्वाद के बूते जीत की उम्मीद में बंटी
बंटी शेलके संघ और बीजेपी नेताओं के आशीर्वाद के बूते जीत की उम्मीद है. 2019 के चुनाव में बंटी को 71 हजार 684 वोट मिले थे. बंटी सिर्फ 4 हजार वोट से चुनाव हार गए थे. इसके बाद वे लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे.
हाल ही में जब बंटी को टिकट मिला तो वे कैंपेनिंग के जरिए जान फूंक दी है. दो दिन पहले नागपुर मध्य में बीजेपी उम्मीदवार प्रवीण डाटके के मुख्य चुनावी कार्यालय पर पहुंच कर वहां मौजूद नेताओं से आशीर्वाद लेने लग गए. आमतौर पर ऐसा होता है.
वहीं शुक्रवार को बंटी का एक और वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे बीजेपी के पूर्व विधायक विकास कुंभारे से आशीर्वाद लेते नजर आए. कुंभारे संघ के मजबूत नेता माने जाते हैं.
कहा जा रहा है कि कुंभारे का आशीर्वाद अगर बंटी को मिलता है तो नागपुर के इस सियासी दंगल में उनकी राह आसान हो सकती है.
– India Samachar
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