उत्तर प्रदेश के मेरठ में दीपक हत्याकांड में पुलिस ने 6 दिन बाद यानी दो अक्टूबर की रात खुलासा किया है. पहले तो हिरासत में लिए गया आरोपी को पुलिस को गुमराह करता रहा. लेकिन बाद में कड़ाई से पूछताछ में हत्याकांड का खुलासा किया. पुलिस पूछताछ में पता चला है कि अवैध संबंधों के चलते फेमिदू नट ने साथी आसिफ के साथ मिलकर दीपक की हत्या की थी. एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि आरोपी ने कबूल किया है कि दीपक की हत्या उसी ने की है. कई बार दीपक को अपनी शादीशुदा बेटी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ चुका था. इसी का बदला लेने के लिए दीपक की हत्या की गई.
मामला थाना परीक्षितगढ़ क्षेत्र के गांव खजूरी का है. यहां 6 दिन पहले यानी 27 सितंबर को दीपक नाम के युवक का सिर कटा शव पड़ा मिला था. सिर कटे शव की पहचान परिजनों ने की थी. दीपक की हत्या का शक गांव के ही दो लोगों पर गया था. पुलिस ने मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया, लेकिन बात नहीं बनी. इसके बाद कड़ी से कड़ी जोड़ते पुलिस ने इलाके के लोगों से पूछताछ की. इस दौरान पुलिस को एक शख्य ने बताया कि गांव के ही फेमिदू नट नाम के व्यक्ति के साथ दीपक को 26 सितंबर की रात को जाते हुए देखा था. फेमिदू नट पुलिस की हिरासत में पहले दिन से था. गवाह मिलने के बाद पुलिस ने हिरासत में मौजूद फेमिदू नट से सख्ती से पूछताछ की तो मामले का खुलासा हो सका.
जहां शव मिला, उससे थोड़ी दूरी दफनाया था सिर
आरोपी ने बताया कि देश में चल रहे सिर तन से जुदा के मामले को ध्यान में रखते हुए, इस पूरी घटना को अंजाम दिया. ताकि, उस पर शक न हो. पुलिस ने जानकारी पुख्ता होने के बाद आरोपी के पास से कत्ल का हथियार भी बरामद किया. आरोपी फेमिदू नट ने पूछताछ में दीपक के सिर के बारे में भी जानकारी दी. दीपक का सिर पास के ही खेत में एक सीमेंट के गड्डे में छुपाकर दफना दिया था. पुलिस आरोपी के साथ उस जगह पर गई और दीपक का सिर भी बरामद किया.
घटना के 6 दिन बीत जाने के बाद भी मामले का खुलासा नहीं हुआ,तब जाकर त्यागी समाज वह हिंदू समाज के कई लोगों ने पुलिस पर दबाव बनाने के लिए गांव में जाकर हंगामें किए, जाम लगाया. दो अक्टूबर को भी त्यागी समाज व हिंदू समाज से सचिन सिरोही ने इसी तरीके से पुलिस का विरोध जताया था.
सर्च अभियान में 100 से ज्यादा पुलिस कर्मी लगाए गए
27 सितंबर के बाद से पुलिस ने दीपक का सिर ढूंढने के लिए कई टीमें लगाई थी, लेकिन 6 दिन तक दीपक का सिर पुलिस को नहीं मिला था. सर्च ऑपरेशन में पुलिस ने 100 से अधिक लोगों को इस काम के लिए लगाया था. गांव के लगभग सभी खेत, नाले, गलियां छान मारी थी. गांव के नाले पर जहां पर डॉग स्क्वाड की मदद से पुलिस को कुछ खून के निशान मिले थे, उसी जगह पर पुलिस ने चार बुलडोजर, वेक्यूम पंप लगाकर सिर की तलाश की थी. वहीं, दीपक की हत्या के बाद मामला तूल न पकड़ जाए इसी दबाव में पुलिस ने परिजनों को बहला-फुसलाकर 28 सितंबर को ही दीपक के शव का अंतिम संस्कार बिना सर के ही करवा दिया.
7वें दिन भी पुलिस का विरोध
दीपक का सातवें दिन सिर मिलने के बाद भी परिजन लगातार पुलिस का विरोध जता रहे हैं. दीपक त्यागी समाज से ताल्लुक रखता था, इसको लेकर त्यागी समाज के नेता और कुछ हिंदू समाज के नेता दीपक के घर पर धरने पर बैठ गए और पुलिस का विरोध जताते हुए उन पर आरोप लगाया कि पुलिस ने दबाव में आकर इस मामले का झूठा खुलासा किया है. दीपक के पिता धीरेंद्र का कहना है कि जिस जगह से पुलिस को दीपक का अवसर मिला है, उसी खेत में कई बार जाकर तलाश की गई है, लेकिन किसी को भी उस समय दीपक का सिर नहीं मिला. त्यागी समाज के नेता मांगेराम त्यागी ने बताया कि जहां से शव मिला है, वहां सिर्फ 6 इंच गहरा गड्ढा है और ताजी-ताजी मिट्टी खोदी गई है.
सीबीआई जांच की मांग
‘हिंदू समाज से सचिन सिरोही और त्यागी समाज के नेता मांगेराम के साथ मिलकर दीपक के परिजन एकजुट होकर मामले के खुलासे के लिए सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि पुलिस ने पूरे मामले का झूठा खुलासा किया है. कुछ लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है.
मेरठ के एसएसपी रोहित साजवान ने बताया कि दीपक की हत्या में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने यह कबूल किया है कि उन्होंने ही दीपक की हत्या की थी. सिर तन से जुदा कर दिया था. एसएसपी ने बताया कि दीपक की हत्या अवैध संबंधों के चलते की गई. फेमिदू नट नाम के व्यक्ति की शादीशुदा बेटी के साथ दीपक के अवैध संबंध थे. इसकी जानकारी आरोपी पिता को थी, इसी का बदला लेते हुए पिता ने दीपक की हत्या की.
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