सांकेतिक तस्वीर.
उत्तराखंड में इसी महीने यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने जा रहा है. संभावना जताई जा रही है कि 26 जवनरी को देहरादून के परेड ग्राउंड से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसकी घोषणा कर सकते हैं. यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने पर प्रदेश के कई नियम बदल जाएंगे और सभी जाति, धर्म , संपद्राय के व्यक्तिगत कानूनों की जगह सबके लिए एक समान कानून बन जाएगा. इसमें विवाह के साथ लिव-इन रिलेशन में रहने वाले लोगों के लिए भी नियमों में बदलाव होंगे.
प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू किए जाने की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. इसके लिए करीब 2 हजार कर्मचारियों को ट्रेंड किया जा रहा है. राज्य सरकार ने अधिकारियों को यूसीसी पोर्टल से परिचित कराने के लिए सोमवार से खास ट्रेनिंग शुरू की है. इसको पूरी तरह लागू किए जाने के लिए राज्य सरकार ने तीन राज्य स्तरीय सहायता केंद्र भी बनाए हैं. पहला सूचना प्रौद्योगिक विकास एजेंसी जो तकनीकी सहायता देगी. दूसरा कॉमन सर्विस सेंटर प्रशिक्षण में मदद करेगा और तीसरा अभियोजन विभाग कानूनी सहायता देगा.
ये होंगे लिव-इन रिलेशन के लिए नियम
यूसीसी के तहत पोर्टल में सभी लिव-इन रिलेशन का विवाह की तरह रजिस्ट्रेशन होगा. गवाहों की वीडियो रिकॉर्डिंग, फोटो और आधार विवरण जरूरी होंगे. इसके अलावा लिव-इन में रहने वाले कपल्स को यूसीसी नियमों के मुताबिक पोर्टल में पार्टनर्स के नाम, उम्र का प्रमाण पत्र, राष्ट्रीयता, धर्म, पूर्व संबंध स्थिति और फोन नंबर दर्ज कराना होगा.
यह चेकलिस्ट विवाह रजिस्ट्रेशन की तरह है, पहला उत्तराखंड में रहने वाले पार्टनर्स के लिए दूसरा राज्य के बाहर लेकिन भारत के निवासियों के लिए है. ऐसे संबंधों से जुड़े कानूनी विवादों को कम किया जा सकेगा. लिव-इन संबंधों से जन्मे बच्चों के अधिकार सुनिश्चित हो जाएंगे, उनको कानूनी संरक्षण प्राप्त होगा.
लागू हो जाएगा समान कानून
यूसीसी लागू होने पर हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, और अन्य समुदायों के लिए विभिन्न व्यक्तिगत कानूनों को हटाकर समान कानून लागू हो जाएगा. महिलाओं और बच्चों के लिए समानता और सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, जिससे उनके अधिकारों का सम्मान होगा. यह कानून बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करेगा, बच्चों को संपत्ति और पारिवारिक अधिकारों में समानता मिलेगी.
– India Samachar
.
.
Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link