फिल्म इंडस्ट्री के बारे में कहा जाता है कि ये किसी की सगी नहीं होती है. इंडस्ट्री में ग्रुपिजम और पॉलिटिक्स को लेकर कई सारे बाहरी लोग शिकायत कर चुके हैं. ऐसे में कई सारे एक्टर्स ऐसे रहे हैं जिन्हें इसकी वजह से इंडस्ट्री में बेदखल किया गया. कई एक्टर्स तो इसपर खुलकर बातें भी कर चुके हैं. इसी में एक हैं अध्ययन सुमन. उनके पिता शेखर सुमन इंडस्ट्री के नामी एक्टर रहे. करियर की शुरुआत में ही उन्होंने रेखा और माधुरी दीक्षित जैसी एक्ट्रेस संग काम किया और माहौल ही बना दिया. लेकिन धीरे-धीरे इंडस्ट्री ने उन्हें साइड कर दिया. ठीक वैसा ही उनके बेटे अध्ययन सुमन के साथ भी देखने को मिला.
17 साल में सिर्फ 11 फिल्में 4 सीरीज
अध्ययन सुमन ने साल 2008 में हाल-ए-दिल से अपने करियर की शुरुआत की थी. इस फिल्म में उनके अभिनय को बहुत पसंद किया गया. इसके बाद उन्होंने राज, जश्न, दहरादून डायरीज, हिम्मतवाला, इश्क क्लिक, चुप और हार्टलेस जैसी फिल्मों में काम किया. उनका करियर ग्राफ देखेंगे तो आप पाएंगे कि कई मौकों पर 2-3 साल गैप लेने के बाद उन्होंने वापसी की. हालांकि वो बात अलग है कि उन्होंने इतने कम प्रोजेक्ट्स इसलिए किए क्योंकि ज्यादा प्रोजेक्ट्स मिले ही नहीं. कई सारे इंटरव्यूज में अध्ययन और उनके पिता शेखर दोनों ही इस बारे में खुलकर बात कर चुके हैं.
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बॉलीवुड पर क्या बोले?
अध्ययन ने कुबूल किया कि उनके पिता को इंडस्ट्री में ग्रुपिजम का शिकार होना पड़ा. इसका असर उनके करियर पर भी पड़ा. उन्होंने बताया कि कैसे एक दफा उन्हें एक फिल्म में साइन किया गया था. फिल्म के प्रोड्यूसर ने फिल्म को फाइनेंस करने वाले प्रोड्यूसर को बुलाया और उन्हें निकलवाने के लिए कहा. उन्हें फिल्म से बिना किसी वजह के निकाल दिया गया और ये कहा गया कि उनके साथ काम करना मुश्किल है. अध्ययन ने माना कि कुछ गुट तो ऐसे हैं जो सिर्फ छवि खराब करने का काम करते हैं. अध्ययन का ऐसा मानना था कि ये कभी खत्म नहीं होने वाला है. अगर आगे बढ़ना है तो अपने अवसर खुद बनाने होंगे. वैसे हाल ही में अध्ययन सुमन ने अपना कमबैक किया था और वे संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज हीरामंडी में नजर आए थे.
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