Ghaziabad News :
स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के तहत प्राथमिक स्कूलों में जो सर्वे कराया, वह चौंकाने वाला है। आठ से 14 वर्ष के आयु वर्ग वाले 31,909 बच्चों की नजर की जांच कराई गई थी, इनमें 1692 बच्चों में दूरदृष्टि दोष मिला है। स्वास्थ्य विभाग इन सब बच्चों को चश्मे उपलब्ध कराएगा। 749 बच्चों को चश्मे उपलब्ध भी कराए गए हैं, बाकी 943 को अपनी बारी का इंतजार है। जिला स्वास्थ्य समिति के समक्ष स्वास्थ्य विभाग ने रिपोर्ट पेश की। समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने बाकी बचे बच्चों को भी शीघ्र ही चश्मे उपलब्ध कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए हैं।
सीएमओ बोले इन बातों का ध्यान रखें
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. अखिलेश मोहन ने कहा है कि बच्चों में खानपान की अच्छी आदतें न होना भी इस परेशानी का बड़ा कारण हैं। बच्चों को हरी सब्जियां खिलाएं, खाने से पहले सलाद की आदत डालें और दूध पिलाने के साथ विटामिन- ए वाले खाद्य पदार्थों पर जोर दें। उन्होंने बताया कि बच्चों का टीवी देखने और मोबाइल स्क्रीन पर रहने का समय भी नियंत्रित करने की आवश्यकता है। अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर बच्चे का विटामिन की खुराक अवश्य दिलाएं।
गंभीर मामलों में ही दिया जाता है चश्मा
जिला एमएमजी अस्पताल वरिष्ठ नेत्र परीक्षण अधिकारी कृष्ण मुरारी का कहना है कि कम उम्र में अधिकतर मामलों में दूरदृष्टि की ही समस्या आती है। यह समस्या सामान्य तौर पर रेटिना के फोकस करने में आने वाली दिक्कत के कारण होती है। अधिकतर मामलो में उपचार की जरूरत भी नहीं होती। बच्चों को गंभीर मामलों में ही चश्मा दिया जाता है। यदि किसी बच्चे में भेंगापन की समस्या हो जाती है ऐसे बच्चों को हर समय चश्मा इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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