राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और मल्लिकार्जुन खरगे.
दिल्ली में अजय माकन के केजरीवाल पर दिए बयान के बाद बैकफुट पर आई कांग्रेस अब फिर हमलावर होने के मूड में है. केजरीवाल के लगातार हमलावर होने और इंडिया गठबंधन के नेताओं के रुख के बाद कांग्रेस अपनी रणनीति बदलने जा रही है. दिल्ली में आप और कांग्रेस का विवाद यहां तक बढ़ा कि इंडिया गठबंधन में कांग्रेस अकेले पड़ गई. दिल्ली के चुनाव को दिल्ली कांग्रेस Vs ‘आप’ कहकर कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व बैकफुट पर भी आ गया लेकिन केजरीवाल ने कांग्रेस पर इतने हमले किए कि अब पार्टी के बड़े नेताओं और मीडिया विभाग ने आलाकमान से गुजारिश की है कि अब हमको भी केजरीवाल के खिलाफ लड़ाई में ऑल आउट जाना चाहिए.
कांग्रेस रणनीतिकारों का मानना है कि अजय माकन के एंटी नेशनल केजरीवाल वाले बयान के बाद आलाकमान ने उन पर रोक लगा दी. सिर्फ दिल्ली के नेता केरल में कांग्रेस Vs लेफ्ट के फॉर्मूले पर लड़ने की रणनीति पर बढ़े तो भी केजरीवाल ने ऑल आउट हमला जारी रखा.
- दिल्ली चुनाव में कांग्रेस मीडिया इंचार्ज अभय दुबे से सवाल किया गया- कांग्रेस ने पहले महत्वपूर्ण उम्मीदवार उतारे. उसके बाद अजय माकन का केजरीवाल को एंटी नेशनल कहना और फिर चुप हो जाना, एक संदेश गया कि इंडिया गठबंधन को बचाने के लिए कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व केजरीवाल पर हमला करने से बच रहा है?
- जवाब– जल्दी ही केंद्रीय नेतृत्व, शीर्ष नेतृत्व समूची कांग्रेस व्यापक स्तर पर अपना प्रचार शुरू करेगी. एक दो दिन में आपको दिख जाएगा. हम गारंटिया लॉन्च कर रहे हैं. स्वास्थ्य की गारंटी अशोक गहलोत ने लॉन्च की. गहलोत का केजरीवाल ने विरोध किया. केजरीवाल बताएं कि दूसरी कौन सी सीट लड़ने के लिए तलाश रहे हैं, क्योंकि नई दिल्ली से वो हार रहे हैं.
- सवाल– खरगे, राहुल, प्रियंका, जयराम अब तक केजरीवाल पर हमलावर ही हैं, क्यों?
जवाब– बस थोड़ा इंतजार कीजिए… व्यापक आंदोलन के रूप का हमारा प्रचार एक दो दिन में दिख जाएगा.
ऐसे में अब कांग्रेस के रणनीतिकारों ने तय किया है कि वो बीजेपी के साथ ही केजरीवाल के खिलाफ ऑल आउट अटैक पर जाने को तैयार हैं. ऐसे में विदेश से लौटने के बाद अगले हफ्ते की शुरुआत में दिल्ली में होने वाली राहुल की रैली पर सबकी निगाहें टिकी हैं. कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित का कहना है कि सबके खिलाफ हल्ला बोल होगा. बीजेपी के खिलाफ होगा, केजरीवाल के खिलाफ होगा. कांग्रेस को वोट देने के लिए और बेहतर दिल्ली बनाने के लिए हल्ला बोल होगा.
इससे पहले बानगी देते हुए कांग्रेस सोशल मीडिया ने दिल्ली की महंगाई के लिए मोदी नहीं केजरीवाल को लपेटकर मंशा जाहिर कर दी है. हालांकि, शुरुआत में संदीप दीक्षित को केजरीवाल के खिलाफ, मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ अलका लांबा को उतारते ही अजय माकन केजरीवाल पर हमलावर हुए तो लगा कि कांग्रेस दिल्ली के मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए गंभीर है.
मगर, बाद में केंद्रीय नेतृत्व की दूरी और माकन की चुप्पी से दिल्ली में पार्टी के अभियान पटरी से उतरा ही नहीं बल्कि हिचकोले खाता नजर आने लगा. ऐसे में अब अगर केंद्रीय नेतृत्व और राहुल फिर रणनीति बदलकर सियासी मैदान में कूदते हैं तो भी सवाल उठेगा कि कहीं देर तो नहीं हो गई. सियासी मुट्ठी पहले ही खुलकर जनता के सामने तो नहीं आ गई, जिस नुकसान की सियासी भरपाई बहुत मुश्किल है.
– India Samachar
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