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रूस और यूक्रेन युद्ध को करीब तीन साल होने जा रहे हैं. अभी तक दोनों देशों में युद्ध जारी है. युद्ध के कारण कई भारतीय अभी भी रूस में फंसे हुए हैं. इन भारतीयों के वहां फंसने का कारण ट्रैवल एजेंट हैं. इन एजेंटों ने कई भारतीय नागरिकों को वहां की आर्मी में जबरदस्ती फंसा दिया है. इनमें कई की तो मौत भी चुकी है. वहीं अब एक भाई अपने दूसरे भाई की तलाश में रूस जा रहा है, जहां उसका भाई वहां की आर्मी में काम कर रहा है. अपने भाई को ढूंढने के लिए अभी तक उसने 35.40 लाख रुपए खर्च कर दिए हैं.
रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान कई भारतीय नागरिकों को फौजी ट्रैवल एजेंट द्वारा वहां के जवानों के साथ मिलकर आर्मी में काम करने के लिए मजबूर कर दिया गया है. अब ये जवान न तो अपने घर आ पा रहे हैं और न ही उनसे संपर्क कर पा रहे हैं. पंजाब के जालंधर जिले के गोराया कस्बा निवासी मनदीप कुमार भी रूस में फंसे हुए हैं. वह वहां की आर्मी के साथ युद्ध लड़ रहे हैं. मनदीप कुमार के भाई जगदीप कुमार ने बताया कि एक से डेढ़ साल पहले उनका भाई आर्मेनिया काम करने के लिए गया था.
रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते उसके भाई और उसके साथ वालों को पंजाब के फर्जी ट्रैवल्स एजेंटों द्वारा आर्मेनिया से इटली भेजने की बात हुई थी. जगदीप कुमार ने बताया कि उसके भाई ने सोशल मीडिया पर वीडियो देखकर इटली जाने का पैसा दिया था, क्योंकि उस सोशल मीडिया पर इटली में काम को लेकर विज्ञापन दिया जा रहा था, लेकिन इन फर्जी ट्रैवल्स एजेंटों द्वारा उसके भाई और 10 लोगों को इटली भेजने के नाम पर सात-सात लाख रुपए ले लिए गए.
ट्रैवल्स एजेंट को दिए 35 लाख 40 हजार रुपए
जगदीप ने बताया कि जब उसका भाई और उसके साथ के लोग आर्मेनिया बॉर्डर पार कर रशिया पहुंचे तो फर्जी ट्रैवल्स एजेंट ने वहां दो दिन रख कर रुपए की डिमांड करनी शुरू कर दी. वहां के ट्रेवल्स एजेंटों के साथ मिलकर उन लोगों को जबरदस्ती रूस आर्मी में काम करने के लिए मजबूर किया गया. यहां तक कि उनके भाई को मारने और जिंदा रखने की ट्रैवल्स एजेंटों द्वारा धमकी दी गई. जगदीप से बताया कि अपने भाई को सही सलामत वापस लाने के लिए ट्रैवल्स एजेंटों को अभी तक वह 35 लाख 40 हजार रुपए दे चुका है, लेकिन उनका भाई अभी तक भारत वापस नहीं आ पाया है.
जगदीप कुमार ने बताया कि मनदीप कुमार से आखिरी बार बात मार्च महीने 2024 को हुई थी और उसके बाद अभी तक उसके भाई का कुछ अता-पता नहीं है. जिन ट्रैवल्स ऐजेंटों ने उससे पैसे ऐंठे थे और उनके भाई को रूस की आर्मी में फंसाया था, उनके खिलाफ पुलिस ने मामला भी दर्ज किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की. मनदीप को फंसाने वाले टैवल्स ऐजेंट का नाम अंकित डोंकर है. इसकी विदेशी एजेंटों से सांठ-गांठ है.
भाई की तलाश में घर-बार सब गिरवी रख दिया
जगदीप ने बताया कि उसने अपने भाई को वापस लाने के लिए कई प्रयास किए. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और पंजाब के मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखकर मदद मांगी, लेकिन अभी तक उनके पूर्ण मदद नहीं मिल पाई. जगदीप में कहा कि अब खुद अपने भाई को ढूंढने के लिए रूस जाएगा. भारत सरकार से मेरी गुजारिश है कि रूस में स्थित इंडियन एंबेसी से उसकी मदद करने के लिए बात करे. जगदीप ने बताया कि उसका घर-बार अब गिरवी है. उसकी आर्थिक हालत भी खराब है.
वहीं मनदीप के पिता अवतार चंद ने कहा है कि वह तो भगवान से दुआ करते हैं कि उनका बेटा सही सलामत वापस आ जाए. उन्होंने कहा कि मनदीप आखरी बार बात मार्च 2024 में हुई थी. इसके बाद अभी तक उससे बात नहीं हो पाई है. उन्होंने सरकार और पुलिस-प्रशासन से अपील की है इन फर्जी ट्रैवल्स एजेंटों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
जालंधर DSP ने दी जानकारी
वहीं जालंधर देहात पुलिस के DSP डॉ. शीतल सिंह ने बताया कि थाना गोराया में मनदीप कुमार के भाई ने मामला दर्ज कराया है. FIR में 8 लोग आरोपी हैं. इनमें से दो आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. ट्रैवल्स एजेंट जोगिंदर पाल सिंह और सोहन लाल सबरवाल को गिरफ्तार किया गया है. तेजी से मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है. अन्य आरोपियों तक भी हम जल्द पहुंचेंगे.
– India Samachar
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