अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप के एक विशेष दूत ने रूस-यूक्रेन जंग को लेकर काफी अहम बात की है. ट्रंप ने कीथ केल्लॉग को रूस-यूक्रेन मामले का अपना विशेष दूत बनाया है. यानी अगले चार साल रूस-यूक्रेन को लेकर ट्रंप के ज्यादातर फैसले की रूपरेखा केल्लॉग ही तय करेंगे.
इन्हीं केल्लॉग ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस-यूक्रेन जंग से निपटने में सबसे बड़ी गलती यह की कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत करने में एक झिझक दिखलाई. केल्लॉग रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने की योजना पर बात कर रहे थे. उसी दौरान उन्होंने ये बात की.
ट्रंप बाइडेन से किस तरह अलग होंगे
केल्लॉग ने कहा कि बाइडेन ने युद्ध की शुरूआत के दो बरस से भी ज्यादा समय में एक दफा भी पुतिन से बातचीत नहीं की. केल्लॉग का कहना था कि ट्रंप ऐसा नहीं करेंगे. वे अपने सहयोगी और विरोधी – दोनों से एक ही तरह बात करेंगे. केल्लॉग का बयान एक ऐसे समय में आया है जब ट्रंप बारहां रूस-यूक्रेन जंग को निपटाने की बात कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बतलाया है कि वे किस खास तरीके से ऐसा करेंगे.
जंग के खात्मे के लिए क्या होगा प्लान
ऐसी रिपोर्ट पहले भी छपती रही है कि ट्रंप युद्ध को खत्म करने के लिए एक मसौदा सुझा सकते हैं. इसमें यूक्रेन की नाटो सदस्यता की योजना 10 से 20 बरस आगे खिसकाई जा सकती है. पर यूक्रेन इसके लिए राजी होगा या नहीं, ये कह पाना फिलहाल मुश्किल है. केल्लॉग अमेरिकी आर्मी में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर काम कर चुके हैं. केल्लॉग ने माना कि वे और ट्रंप इस बात से पूरी तरह वाकिफ हैं कि रूस-यूक्रेन जंग की समाप्ति के लिए समाधान ढूंढने में उनके पास अब काफी कम समय बचा है.
नाटो पर ट्रंप ने बाइडेन को क्यों कोसा
केल्लॉग ने उन आरोपों को खारिज किया है जिसमें कहा जा रहा कि ट्रंप रूस की तरफदारी कर रहे हैं. केल्लॉग ने दावा किया कि ट्रंप एक ईमानदार और बराबरी का समझौता कराएंगे, जिससे यूक्रेन की स्वायत्ता बनी रहे. उधर, ट्रंप यहां तक कह चुके हैं कि बाइडेन ने अमेरिका-रूस के बीच के उस समझौते को तोड़ा, जिसके तहत ये साफ था कि नाटो किस हद तक अपना विस्तार कर सकता है. ट्रंप का मानना है कि अगर हम रूस के दरवाजे तक अपनी सैन्य समूह को ले जाएंगे तो जाहिर तौर पर रूस इससे चिंतित होगा.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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