संयुक्त राष्ट्र – यूनाइटेड नेशंस ने बताया है कि ईरान ने पिछले साल यानी 2024 में कम से कम 901 लोगों को फांसी दी. इनमें से 40 लोगों को अकेले दिसंबर के महीने में फांसी दी गई. ईरान में साल दर साल फांसी की सजा में कमी आने के बजाय बढ़ोतरी होती जा रही है. 2023 में ईरान ने 853 लोगों को फांसी के फंदे पर लटका दिया था. इस तरह केवल एक साल में फांसी देने के मामलों में 48 लोगों का इजाफा हुई है.
ईरान हत्या, नशे के कारोबार से लेकर बलात्कार और यौन उत्पीड़न के मामलों में फांसी की सजा देता रहा है. मानवाधिकार के लिए काम करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक चीन के बाद ईरान दुनिया का दूसरा ऐसा देश है, जो इतनी बड़ी तादाद में लोगों को फांसी पर चढ़ाता है. चीन को लेकर इस लिहाज से भरोसेमंद आंकड़ा किसी के पास उपलब्ध नहीं है. ईरान को लेकर जरूर आते रहे हैं.
2015 के बाद सबसे ज्यादा मामले
संयुक्त राष्ट्र और दूसरे संस्थाओं का आरोप है कि अयातुल्लाह अली खामेनेई के अधीन काम कर रही संस्थाएं फांसी का इस्तेमाल एक हथियार के तौर पर करती हैं. इसके जरिये समाज में डर पैदा करने की कोशिश होती है. खासकर, 2022-23 में ईरान में हुए देशव्यापी प्रदर्शनों के कारण फांसी की सजा में बढ़ोतरी हुई है. ईरान फांसी की संख्या पर कोई आधिकारिक डेटा उपलब्ध नहीं कराता. मगर संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठन नॉर्वे और दूसरे मानवाधिकार संस्थानों के जरिये पुख्ता आंकड़े पेश करते रहे हैं.
सबसे ज्यादा तकलीफदेह और चिंताजनक बात ये है कि ईरान में समय के साथ महिलाओं को फांसी पर चढ़ाने के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. 2024 में 31 महिलाओं को फांसी पर चढ़ा दिया गया. हाल के बरसों की अगर बात की जाए तो ईरान में सबसे ज्यादा फांसी की सजा साल 2015 में हुई थी. तब 972 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था. 2015 के बाद सबसे अधिक फांसी 2024 में हुई है.
10 साल में ईरान में हुई फांसी की संख्या
ईरान में किस तरह साल दर साल फांसी के मामले बढ़े हैं, एक नजर एमनेस्टी इंटरनेशनल के आंकड़ों के हवाले से – 2014 में 743 फांसी, 2015 में 977, 2016 में 567 फांसी, 2017 में 507 फांसी, 2018 में 253, 2019 में 251 फांसी, 2020 में 246 फांसी, 2021 में 314 फांसी, 2022 में 576 फांसी, 2023 में 853 लोगों को फांसी दी गई. इस तरह हम देख सकते हैं कि पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा फांसी 2015 के बाद पिछले साल 2024 में दी गई.
ईरान में दी जा रही फांसी के पीछे की वजह राजनीतिक प्रतिरोध, महिलाओं का खुद को सशक्त करने के खातिर पुरुषों के बराबर मानते हुए उठती आवाजें, हिजाब विरोधी प्रदर्शन, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों के खिलाफ आवाज उठाना है. ईरान की हुकूमत इन लोगों से काफी तल्ख अंदाज में निपटती है. इसकी एक मिसाल हम महसा अमीनी की पुलिस हिसासत में गई जान और उसके बाद के विरोध प्रदर्शन हैं.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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