राहुल गांधी. (फाइल फोटो)
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इकोनॉमिक सर्वे संबंधी बयान मामले में मंगलवार को बरेली जिले की एक अदालत में पेश नहीं हुए. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 17 जनवरी को पेश होने का आदेश दिया है. एक अधिवक्ता ने यह जानकारी दी. अधिवक्ता वीरेंद्र पाल गुप्ता ने बताया कि राहुल गांधी को मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर कुमार के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखना था, लेकिन वह अदालत नहीं आए जिसके बाद राहुल गांधी को 17 जनवरी को पेश होने को कहा गया है.
विरेंद्र पाल गुप्ता ने बताया कि यह मामला जिला न्यायाधीश की अदालत से एमपी-एमएलए कोर्ट में स्थांतरित कर दिया गया है. इसके पहले, अदालत ने आर्थिक सर्वेक्षण संबंधी बयान मामले को लेकर गांधी को नोटिस जारी करके सात जनवरी को पेश होने के लिए कहा था.
एमपी-एमएलए कोर्ट में याचिका दायर
बरेली के सुभाष नगर के निवासी और अखिल भारतीय हिंदू महासंघ के मंडल अध्यक्ष पंकज पाठक ने अधिवक्ताओं विरेंद्र पाल गुप्ता और अनिल द्विवेदी के जरिए राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए एमपी-एमएलए कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने 27 अगस्त को निरस्त कर दिया था. इस आदेश को चुनौती देते हुए सत्र कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई.
17 जनवरी को पेश होने का निर्देश
विरेंद्र पाल गुप्ता ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर कुमार ने राहुल गांधी के विरुद्ध फौजदारी पुनरीक्षण याचिका स्वीकार कर मामले का संज्ञान लेते हुए सुनवाई के लिए इस साल सात जनवरी की तिथि निर्धारित की थी. कोर्ट ने नोटिस जारी कर राहुल गांधी को पेश होने का आदेश भी दिया था लेकिन वह मंगलवार को अदालत में पेश नहीं हुए, इसलिए अब उन्हें 17 जनवरी को पेश होने के लिये समय दिया है.
जन भावनाओं का सम्मान करेगी कोर्ट
याचिकाकर्ता पंकज पाठक ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने एक समुदाय को खुश करने के उद्देश्य से बयान दिया और दूसरे समुदाय की संपत्ति को निशाना बनाया, जिससे वह काफी आहत हुए. उन्होंने विश्वास जताया कि कोर्ट जन भावनाओं का सम्मान करेगी और उचित कार्रवाई करेगी.
– India Samachar
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