भोजपुरी सिनेमा की पॉपुलर एक्ट्रेस अक्षरा सिंह ने हाल ही में एक यूट्यूब चैनल को इंटरव्यू दिया था. इस इंटरव्यू में अक्षरा ने कई मुद्दों पर बात की और इस भोजपुरी इंडस्ट्री को लेकर उनकी शिकायत क्या है, ये भी बताया. जब उनसे पूछा गया कि अक्सर लोग भोजपुरी फिल्मों को अच्छा नहीं मानते हैं तो इसमें क्या सुधार करना चाहिए?
अक्षरा सिंह ने नितिपथ यूट्यूब चैनल को एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने भोजपुरी इंडस्ट्री को लेकर कई बातें कीं. इस दौरान अक्षरा सिंह ने बिना डरे एक ऐसा जवाब दिया जिसे, भोजपुरी सिनेमा को पसंद करने वालों को एक बार जरूर सुनना चाहिए.
भोजपुरी सिनेमा से क्या है अक्षरा सिंह को शिकायत?
इंटरव्यू में अक्षरा सिंह से पूछा गया कि किन लोगों के दौर से भोजपुरी इंडस्ट्री का स्तर नीचे गया? इसके जवाब में अक्षरा सिंह ने कहा, ‘वो तो सब जानते हैं, मैं क्या नाम लूंगी. सब जानते हैं (हंसते हुए). वो भी पता नहीं क्यों, ये लोग भी भटक गए हैं, या उन्हें कोई सलाह देने वाला नहीं है, पता नहीं कुछ समझ नहीं आता.’
अक्षरा सिंह से कहा जाता है कि वो लोग भोजपुरी का नाम लेकर इतना पैसा कमा रहे हैं तो फिल्मों और गानों को उस स्तर पर क्यों नहीं बना सकते. इस पर अक्षरा कहती हैं, ‘जबकि वो लोग कर सकते हैं, उनके पास इतना पैसा है. मेरी इन लोगों से यही शिकायत है कि अगर भोजपुरी का नाम लेकर कुछ बना रहे हो तो उसे बेहतर बनाओ, जिसे हम फैमिली के साथ बैठकर देख सकें. निचले स्तर का बनाएंगे तो भोजपुरी सिनेमा का नाम ऊपर कैसे जाएगा.’
View this post on Instagram
कैसे हो सकता है भोजपुरी सिनेमा में सुधार?
इंटरव्यू में अक्षरा सिंह से पूछा गया, ‘भोजपुरी सिनेमा का स्तर कभी अच्छा रहा है? तो अक्षरा सिंह ने कहा, ‘हां, जब रवि जी (रवि किशन), मनोज जी (मनोज तिवारी) ने अच्छी-अच्छी फिल्में बनाईं. साउथ से नगमा जी, रम्भा जी जैसी कलाकार आईं. वहीं बॉलीवुड से अमिताभ बच्चन जी और हेमा मालिनी जी ने भी काम किया. तो अच्छी फिल्में बनी हैं, लेकिन वो दौर बस वहीं तक सीमित था.’ अक्षरा सिंह से पूछा गया कि इसमें क्या सुधार किया जाना चाहिए? आपको क्या लगता है?
इस पर अक्षरा सिंह ने कहा, ‘अगर हमारे यहां पुष्पा जैसी एक फिल्म बन गई न तो यहां के वारे-न्यारे हो जाएंगे. ऐसी अच्छी फिल्में बनाना मुश्किल नहीं है, बस एक बार सबको साथ आना होगा, किसी को पहल करनी होगी. मैं तो कहती हूं मत लो मुझे उस प्रोजेक्ट में, मत दो मुझे किसी फिल्म में काम, लेकिन एक-दूसरे पर तंज कसने से बेहतर है सभी को साथ आना चाहिए. मिलकर बात करनी चाहिए कि भोजपुरी सिनेमा के स्तर को ऊपर कैसे उठाया जाए. मुश्किल कुछ नहीं होता, लेकिन यहां लोग अपनी-अपनी जेब भरने के चक्कर में हैं, भले जिसके नाम पर आप पैसा कमा रहे, उसे लोग बुरा समझते रहें.’
अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए हमारा एप्प डाउनलोड करें |
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Source link