भारत समेत 5 देशों में मंगलवार की शुरुआत भूकंप के झटके के साथ हुई. जिन मुल्कों में भूकंप के झटके महसूस किए गए वो भारत, बांग्लादेश, नेपाल, तिब्बत और ईरान हैं. भारत में जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है. सबसे ज्यादा तबाही तिब्बत में मची. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई. भूकंप ने तिब्बत में कई परिवार को कभी ना भूलने वाला दर्द दे गया. यहां 53 लोगों की मौत हो गई और 40 से ज्यादा लोग घायल हैं. तिब्बत के बड़े शहरों की दर्जनों इमारत जमींदोज हो गईं. राहत-बचाव का काम लगातार जारी है.
मंगलवार सुबह नौ बजकर पांच मिनट (चीन के समयानुसार) पर तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के शिगाजे शहर के डिंगरी काउंटी में भूकंप के झटके महसूस किए गए. न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, 6.8 तीव्रता के भूकंप के कारण 53 लोगों की मौत हो गई और 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए. भूकंप का केंद्र 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था.
शिन्हुआ के अनुसार, चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई पर था. अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने बताया कि नेपाल की सीमा के पास तिब्बत क्षेत्र में भूकंप आया. भूकंप तिब्बत क्षेत्र के पर्वतीय इलाके में लगभग 10 किलोमीटर की गहराई में आया.
‘सीसीटीवी ने बताया कि चीन की भूकंप निगरानी एजेंसी ने भूकंप की तीव्रता 6.8 दर्ज की है. भूकंप के केंद्र के आसपास के क्षेत्र की औसत ऊंचाई करीब 4,200 मीटर (13,800 फुट) है. सीसीटीवी की ऑनलाइन रिपोर्ट में कहा गया है कि भूकंप के केंद्र से पांच किलोमीटर के दायरे में बहुत कम लोग रहते हैं. भूकंप का केंद्र तिब्बत की राजधानी ल्हासा से 380 किलोमीटर दूर है.
तिब्बत का सबसे पवित्र शहर
2020 के आंकड़ों के अनुसार डिंगरी में लगभग 60,000 लोग रहते हैं. चीन मौसम विज्ञान प्रशासन के अनुसार, डिंगरी में तापमान शून्य से 8 डिग्री सेल्सियस के आसपास है और आज शाम को शून्य से 18 डिग्री नीचे तक गिर जाएगा. चीन के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में अक्सर भूकंप के झटके आते रहते हैं. 2008 में सिचुआन प्रांत में आए भीषण भूकंप में लगभग 70,000 लोग मारे गए थे. ‘सीसीटीवी’ के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में शिगाजे में तीन या उससे अधिक तीव्रता वाले 29 भूकंप आए हैं.
शिगाजे तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक है. यहां पंचेन लामा की सीट है, जो तिब्बती बौद्ध धर्म में सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों में से एक है, जिसका आध्यात्मिक अधिकार दलाई लामा के बाद दूसरे स्थान पर है.
नेपाल के किन शहरों में भूकंप?
नेपाल के जिन शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए वो काठमांडू, काभ्रेपलान्चोक, सिंधुपालंचोक, धाडिंग और सोलुखुंबु हैं. भूकंप के झटके आने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. लोगों ने कुछ समय तक सड़कों के किनारे लगे पेड़ों और बिजली के तारों को हिलते हुए देखा.
यूएसजीएस रिपोर्ट के अनुसार, सुबह सात बजे के आसपास एक घंटे के भीतर कम से कम छह बार चार से पांच तीव्रता वाले भूकंप के झटके दर्ज किए गए.यह भूकंप इतना शक्तिशाली था कि नेपाल के लोग घबरा गए. इसने 2015 में आए भीषण भूकंप की याद ताजा कर दी, जिसमें 9,000 लोग मारे गए थे.
हालांकि, नेपाल पुलिस के प्रवक्ता का कहना है कि अब तक उन्हें किसी बड़े नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है. नेपाल पुलिस के प्रवक्ता बिश्वो अधिकारी ने बताया कि भूकंप का केंद्र तिब्बत में होने के कारण उत्तरी नेपाल में रहने वाले लोगों ने अधिक तीव्र झटके महसूस किए.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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