वर्ल्ड बैंक पाकिस्तान को 20 बिलियन डॉलर (भारतीय रूपयों में कहा जाए तो 1 लाख 70 हजार करोड़ के करीब) देने जा रहा है. इसकी मंजरी बहुत जल्द मिल सकती है. पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने आधिकारिक दस्तावेजों के आधार पर ये दावा किया है.
ये एक तरह का कर्ज है, जो अगले 10 साल तक देश के 6 महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों की योजनाओं को केन्द्र में रखकर दिया जाएगा. वर्ल्ड बैंक की मदद का मकसद अगले दस बरसों तक उन परियोजनाओं को सुचारू तरीके से चलाना है जो राजनीतिक बदलाओं की भेंट चढ़ जाती हैं.
6 चीजों पर काम करने के लिए मिलेगा पैसा
पाकिस्तान कंट्री पार्टनरशिप फ्रेमवर्क 2025-35 नाम के कार्यक्रम का मकसद समाज के उन बिंदुओं पर काम करना है, जो हैं तो बहुत जरूरी मगर उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा. जिन चीजों पर काम करने को लेकर वर्ल्ड बैंक मदद करने जा रहा है, वे हैं –
पहला – चाइल्ड स्टंटिंग यानी बच्चों के विकास में कमी, दूसरा – नई चीजें सीखने की कमियों को दूर करना, तीसरा – जयवायु में हो रहे बदलावे से निपटने की तैयारी, चौथा – पर्यावरण को कार्बन मुक्त करना, पांचवा – सरकारी खजाने का विस्तार करना, छठा – उत्पादकता बढ़ाने के लिए निजी निवेश को बढ़ावा देना.
14 जनवरी को मंजूरी, 10 साल की रणनीति
इस तरह कम से कम 2025-2035 के बीच होने वाले तीन आम चुनावों में होने वाले बदलाओं के बाद भी इन 6 मोर्चों पर पाकिस्तान में काम बिना किसी रोकटोक या परेशानी के चलता रहेगा. इस ‘कंट्री पार्टनरशिप फ्रेमवर्क’ को 14 जनवरी को विश्व बैंक बोर्ड मंजूरी देने वाला है.
मंजूरी के बाद विश्व बैंक के एक प्रतिनिधि इस्लामाबाद का दौरा कर सकते हैं. मामले की जानकारी रखने वाले एक पाकिस्तानी अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा है कि विश्व बैंक ने पाकिस्तान को पहले देश के रूप में चुना है, जहां वह 10 बरस की एक रणनीति के साथ काम करेगा.
एक और अहम बात, विश्व बैंक जो 20 बिलियन डॉलर देने जा रहा है, इस 20 बिलियन डॉलर में से 14 बिलियन डॉलर विश्व बैंक की रियायती शाखा – अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (आईडीए) देगी. वहीं, बाकी के 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर आईबीआरडी देगी. यह भी विश्व बैंक ही की संस्था है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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