नियति का खेल कई बार काफी दर्दनाक होता है. ऐसा ही हुआ कानपुर के रहने वाले पायलट के साथ, जिसको काल के क्रूर हाथों ने समय से पहले छीन लिया. भारतीय तटरक्षक का यह पायलट एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हो गया. पायलट की मात्र दस महीने पहले महिला जज से शादी हुई थी. कानपुर ने चौबीस घंटों के अंदर अपने दो लाल खो दिए हैं. इससे पहले सेना का एक ट्रक खाई में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें सवार कानपुर का जवान शहीद हो गया. शहर उस सदमे से उबर भी नहीं पाया था कि हेलीकॉप्टर हादसे ने परिवार और शहरवासियों को झकझोर कर रख दिया.
गुजरात के पोरबंदर में भारतीय तटरक्षक दल में कानपुर के रहने वाले डिप्टी कमांडेंट सुधीर कुमार यादव तैनात थे. भारतीय तटरक्षक के एयर एनक्लेव में सुधीर यादव अपने साथ कमांडेंट सौरभ और नाविक मनोज प्रधान के साथ नियमित उड़ान पर थे. उनके पास एएलएच ध्रुव श्रेणी का हेलीकॉप्टर था. हेलीकॉप्टर के रनवे पर उतरते समय वह दुर्घनाग्रस्त हो गया जिसमें तीनों जवान शहीद हो गए.
पायलट सुधीर यादव मूल रूप से शिवली के हरकिशनपुर गांव के रहने वाले थे. बाद में उनका परिवार कानपुर के श्याम नगर में शिफ्ट हो गया था. दस महीने पहले ही सुधीर की शादी आवृति नैथानी के साथ हुई थी, जो पटना में जुडिशल जज के पद पर कार्यरत हैं. पत्नी बीते शनिवार को पोरबंदर से वापस लौटी थीं मृतक के पिता आर्मी से रिटायर हुए थे. जबकि एक भाई एयरफोर्स में है. सुधीर यादव के बलिदान किं खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया. रिश्तेदार, दोस्तों और शुभचिंतकों का सुधीर के घर पहुंचना जारी है.
हादसे के कारणों का पता नहीं लगा
अधिकारियों की मानें तो दुर्घटना के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. इस हादसे के पीछे परिस्थितियों और कारणों का पता लगाया जा रहा है. अधिकारियों के अनुसार दुर्घटना होते ही तीनों को अस्पताल भेजा गया था लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका.
क्या है ALH-ध्रुव हेलीकॉप्टर की खासियत?
जो हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ है, वह ALH-ध्रुव हेलीकॉप्टर है. ALH-ध्रुव हेलीकॉप्टर को किसी भी मौसम में यूज किया जा सकता है, ये इसकी सबसे बड़ी खासियत है. इस हेलीकॉप्टर में शक्ति इंजन लगा हुआ है. जो परिचालन और अतिरिक्त पेलोड क्षमता को पूरा करता है. इसे पहाड़ी और दुर्गम व बीहड़ क्षेत्रों में भी तैनात किया जा सकता है. इस डिजाइन राहत-बचाव कार्य और कार्गो जैसे कामों को देखते हुए किया गया है.
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