Ghaziabad News :
देश की पहली और सबसे देश तेज दौड़ने वाली रीजनल रैपिड रेल ने दिल्ली- एनसीआर की तस्वीर बदल दी है। सीधे कहा जाए तो यह प्रोजेक्ट “गति से प्रगति” के नए आयाम स्थापित कर रहा है। दिल्ली- गाजियाबाद- मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर कुल 82 किमी लंबा है। 55 किमी का रूट रविवार शाम से यात्रियों के लिए ऑपरेशनल हो रहा है। दिल्ली की ओर पांच किमी का रूट अभी परिचालित होना बाकी है। न्यू अशोक नगर से सराय काले खां तक पांच किमी के इस रूट पर अब जल्द ही ट्रायल रन शुरू होंगे। इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास 8 मार्च, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
जून, 2025 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट
देश का पहला आरआरटीएस प्रोजेक्ट ( दिल्ली- गाजियाबाद- मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर) जून, 2025 तक पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएगा। मेरठ में ट्रेन मोदीपुरम तक जाएगी। अभी केवल मेरठ साउथ स्टेशन तक नमो भारत ट्रेन का परिचालन हो रहा है। अगस्त, 2024 से इस कॉरिडोर के कुल नौ स्टेशन ऑपरेशनल थे, रविवार को इस कड़ी में दिल्ली के दो बड़े स्टेशन आनंद विहार और न्यू अशोक नगर भी जुड़ गए। आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन भूमिगत होने के साथ ही कई मामलो में अलग है।
पूरे प्रोजेक्ट में बनाए गए 2890 पिलर
दिल्ली- गाजियाबाद- मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का अधिकांश भाग एलीवेटेड है। आज शुरू हो रहे साहिबाबाद- न्यू अशोक नगर के बीच 13 किमी के सेक्शन पर नमो भारत छह किमी की दूरी अंडर ग्राउंड तय करेगी। दिल्ली में प्रवेश से पहले वैशाली मेट्रो स्टेशन के सामने से ही नमो भारत अंडर ग्राउंड हो जाती है। दिल्ली – मेरठ की सेंटल वर्ज पर पिलर्स के सहारे मुरादनगर और मोदीनगर को जोड़ते हुए देश की यह पहले सेमी हाईस्पीड ट्रेन दिल्ली से मेरठ पहुंचने में केवल 40 मिनट का समय लेगी। प्रोजेक्ट पूरा होने पर इस रनिंग टाइम करीब एक घंटे का होगा। पूरे प्रोजेक्ट में 2890 पिलर्स का निर्माण किया जाना है।
180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार
नमो भारत ट्रेन पूरी तरह देश में निर्मित अत्याधुनिक ट्रेन है। नमो भारत ट्रेन का निर्माण गुजरात के सांवली में किया गया है। यह 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है, हालांकि फिलहाल इसकी रफ्तार 165 किमी प्रति घंटे तक रहती है। ट्रेप में टू बाई टू, आरामदायक सीटें। इस ट्रेन का एंबुलेंस के रूप में प्रयोग करने के लिए भी सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गई हैं ताकि आपात काल में मरीज को मेरठ से दिल्ली कम से कम समय में शिफ्ट किया जा सके।
30 करोड़ रुपये का है बजट
दिल्ली- गाजियाबाद- मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का कुल बजट 30,274 करोड़ रुपये का है। इसमें तीन प्रतिशत की हिस्सेदारी दिल्ली और 17 प्रतिशत की हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की है। बजट का बाकी हिस्सा केंद्र सरकार वहन कर रही है। भारत सरकार ने 2020-21 में प्रोजेक्ट के लिए 2487 करोड़ रुपये का बजट जारी किया था। 2021-22 में केंद्र सरकार से प्रोजेक्ट को 4472 करोड़ रुपये मिले, जबकि इसी वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी 1326 करोड़ का बजट दिया था। अगले वर्ष 2022-23 में यूपी सरकार ने 1306 करोड़ रुपये का बजट जारी किया था।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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