उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ का आगाज होने जा रहा है. महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं का पलट प्रवाह काशी की तरफ होता है. ऐसे में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ काशी में आएगी. इसको देखते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बाबा विश्वनाथ की होने वाली दैनिक आरतियों में बदलाव किया है. यह बदलाव सुबह, दोपहर, शाम और रात में होने वाली दैनिक आरतियों में किया गया है.
मंदिर प्रशासन के मुताबिक, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की तरफ से महाकुंभ के दौरान मंगला आरती, मध्याह्न भोग आरती, सप्तऋषि आरती और शयन आरती के समय में 15 -15 मिनट का परिवर्तन किया गया है. इसके अलावा महाशिवरात्रि पर होने वाली सप्तऋषि आरती को इस बार केंसिल किया गया है. वहीं, महाशिवरात्रि पर मंदिर के कपाट खुले रहेंगे, लेकिन अगले दिन होने वाली मंगल आरती नहीं की जाएगी.
दिन में होती हैं पांच आरती
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में हर रोज बाबा विश्वनाथ की पांच आरती होती हैं. सुबह में होने वाली मंगला आरती से बाबा विश्वनाथ को जगाया जाता है और मंदिर के कपाट खोल दिए जाते हैं. दोपहर में भोग आरती, शाम में सप्तऋषि होती है, फिर श्रंगार आरती के दौरान भक्त बाबा का गंगाजल, दूध, दही और अन्य चीजों से स्नान कराकर श्रंगार किया जाता है. फिर रात में होने वाली शयन आरती से भगवान को भक्त सुलाते हैं.
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की दैनिक आरतियों के समय में हुआ बदलाव
मंगला आरती- महाकुंभ के दौरान सुबह मंगला आरती 2.45 से 3.45 तक होगी. जबकि महाशिवरात्रि को मंगला आरती सुबह 2.15 से 3.15 तक होगी. महाशिवरात्रि के अगले दिन मंगला आरती नही होगी.
मध्याह्न भोग आरती दोपहर में होने वाली भोग आरती का समय बदलकर सुबह 11.35 से दोपहर 12.15 तक किया गया है.
सप्तऋषि आरती- बाबा की सप्तऋषि आरती शाम 7 से 8 बजे तक होगी. महाशिवरात्रि पर सप्तऋषि आरती नही होगी. पौष पूर्णिमा पर सप्तऋषि आरती 6.15 से 7.15 के बीच होगी.
श्रृंगार भोग आरती– महाकुंभ के बीच श्रंगार भोग आरती रात्रि आठ से नौ बजे के बीच होगी. महाशिवरात्रि पर श्रृंगार भोग आरती नही होगी.
शयन आरती- शयन आरती रात्रि में 10.30 से 11 बजे तक होगी. महाकुम्भ की अवधि में पड़ने वाले सोमवार को शयन आरती रात्रि 10.45 से 11.15 बजे तक होगी.
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