झारखंड की राजधानी रांची में तैनात अधिकारी बिना रिश्वत खाए कलम नहीं चलाते. इस बात की पुष्टि गुरुवार को ही एंटी करप्शन ब्यूरो की दबिश में हुआ है. यह दबिश रांची में सीओ सदर के ऑफिस और घर में हुई है. इसमें सीओ सदर को 37 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है. वहीं उनके घर पर हुई दबिश में 11 लाख रुपये की नगद रकम मिली है. यह रकम भी रिश्वत से जुटाई गई थी. फिलहाल एसीबी ने सीओ सदर मुंशी राम को अरेस्ट कर लिया है. एसीबी मामले की जांच कर रही है.
एसीबी के अधिकारियों के मुताबिक सीओ सदर मुंशी राम के पास से एक जमीन के विवाद का मामला आया था. इस मामले को निपटारे के लिए उन्होंने 50 हजार रुपये की रिश्वत की मांगी थी. वहीं जब पीड़ित व्यक्ति ने इतने रुपये दे पाने में असमर्थता जताई तो सीओ सदर ने काम करने से मना कर दिया. ऐसे में पीड़ित ने एसीबी कार्यालय में शिकायत दी. इसके बाद एसीबी ने जाल बिछाया और पीड़ित को फिर से सीओ सदर के पास जाकर बार्गेनिंग करने के लिए कहा. आखिर में 37 हजार रुपये में सौदा पट गया.
घर से बरामद हुई 11 लाख की नगदी
इस दौरान पीड़ित ने जैसे ही सीओ सदर को 37 हजार रुपये की रकम बतौर रिश्वत दी, तुरंत एसीबी के अधिकारियों ने सीओ को रंगे हाथ दबोच लिया. उनके हाथ में रिश्वत की रकम पकड़े जाने के बाद एसीबी के अधिकारियों ने उनके घर पर भी दबिश दी और 11 लाख से अधिक की रकम बरामद की है. एसीबी के अधिकारियों के मुताबिक यह रकम भी रिश्वत के जरिए जुटाई गई है. फिलहाल एसीबी के कार्यालय में सीओ सदर मुंशी राम से पूछताछ हो रही है. उनसे एसीबी के अधिकारी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि किन किन लोगों के काम उन्होंने रिश्वत लेकर किए हैं.
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति
इसी के साथ एसीबी उनके द्वारा हाल फिलहाल में निपटाई गई फाइलों की भी जांच कर रही है. बता दें कि झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रखी है. इसी क्रम में एसीबी रांची की टीम ने यह कार्रवाई की है. वहीं इस घटना के सामने आने के बाद झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने प्रेस कांफ्रेंस किया. उन्होंने कहा कि राज्य में रिश्वत खाने वाले अधिकारी और कर्मचारी संभल जाएं. अब जिस किसी के खिलाफ शिकायत मिलेगी, तत्काल एक्शन होगा.
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