दिग्गज फिल्मकार श्याम बेनेगल को श्रद्धांजलि देने के लिए दूरदर्शन पर उनकी कल्ट क्लासिक फिल्म मंथन का प्रीमियर किया जाएगा. ये फिल्म साल 1976 में रिलीज़ हुई थी. फिल्म 1 जनवरी यानी आज ही रात 8 बजे 4K वर्जन में दिखाई जाएगी. दूरदर्शन के अलावा फिल्म जी क्लासिक, जी सिनेमा एचडी और एंड पिक्चर्स एचडी पर भी दिखाई जाएगी. ये फिल्म श्याम बेनेगल के कुछ चुनिंदा फिल्मों में से है, जिसकी हमेशा ही तारीफ हुई है. यही वजह है कि इसी फिल्म को उनको ट्रिब्यूट देने के लिए चुना गया है.
मंथन के 4K वर्जन को फिल्म हेरिटेड फाउंडेशन ने बड़े ही सावधानी के साथ संभालकर रखा है. इसके रीस्टोरोशन को कान्स क्लासिक सेक्शन में पिछले साल दिखाया भी गया था. इसमें गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडेरेशन लिमिटेड (अमूल) ने मदद की. इसी के किसानों ने सालों पहले मंथन बनाने के लिए फंड दिया था. फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन ने एक पोस्ट के ज़रिए फिल्म के टीवी पर स्क्रीनिंग को कंफर्म किया है.
To pay tribute to the late Shyam Benegal, Doordarshan will begin the new year with a screening of “Manthan” (1976) restored by FHF with support from the Gujarat Co-operative Milk Marketing Federation Ltd. (Amul) on Jan 1, 2025 at 8 p.m. on Doordarshan. pic.twitter.com/spjQiyshlr
— Film Heritage Foundation (@FHF_Official) December 31, 2024
भारत में डेयरी रेवोल्यूशन पर आधारित फिल्म ‘मंथन’ का अंग्रेजी में नाम ‘चर्निंग’ रखा गया खा. मंथन एक पशु चिकित्सक की कहानी है, जिसका किरदार गिरीश कर्नाड ने निभाया था, जो ग्रामीण किसानों को दमनकारी व्यवस्थाओं से लड़ने के लिए एक सहकारी संस्था बनाने में मदद करता है. फिल्म का प्लॉट देश में हुए व्हाइट रेवोल्यूशन पर आधारित था, जिसके जरिए दूध उत्पादन में भारत ग्लोबल लीडल के तौर पर उभरा था.
This #InternationalYearofCooperatives, revisit Manthan and join us in celebrating the iconic film produced by the farmers of worlds largest dairy cooperative. Directed by Shyam Benegal, its a timeless tribute to the true spirit of cooperation.#ManthanMovie pic.twitter.com/2kt1v1DqNf
— Amul.coop (@Amul_Coop) January 1, 2025
किसानों के पैसों से बनी थी फिल्म
सबसे खास ये है कि मंथन को श्याम बेनेगल ने गुजरात के 50 हज़ार किसानों से क्राउड फंडिंग कर के बनाया गया था. हर किसान से दो रुपये की मदद ली गई थी और फिर इस फिल्म को बनाया गया था. इस देश की पहली क्राउड फंडिंग फिल्म भी कहा जाता है.
नहीं रहे श्याम बेनेगल
पिछले साल 23 दिसंबर को श्याम बेनेगल का निधन हो गया था. वो 90 साल के थे. पैरेलेल सिनेमा में उनके योगदान को शायद ही कभी भुलाया जा सके. श्याम बेनेगल अपने विचारशील और सामाजिक फिल्मों के लिए ही जाने गए. उन्होंने फिल्म 1974 में आई फिल्म अंकुर से डेब्यू किया था. बाद में उन्होंने मंथन और भूमिका जैसी फिल्मों से सभी का दिल जीत लिया था.
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