बांग्लादेश के चीफ इलेक्शन कमिश्नर ने बड़ा ऐलान किया है. CEC नासिर उद्दीन ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग देश में होने जा रहे चुनावों में हिस्सा ले सकती है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि बशर्ते सरकार या न्यायपालिका पार्टी के खिलाफ प्रतिबंध जारी न करे. ढाका ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ने सोमवार को चटगांव सर्किट हाउस में चुनाव अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान यह बात कही है.
इस टिप्पणी ने सबको हैरान कर दिया है, क्योंकि शेख हसीना के पतन के बाद अवामी लीग के कई नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हुई है और कई ने देश छोड़ दिया है. इसके अलावा अवामी लीग के छात्र संगठन से जुड़े छात्रों के खिलाफ भी हिंसा के मामले सामने आए हैं.
नासिर उद्दीन ने यह भी वादा किया कि चुनाव आयोग पूरी स्वतंत्रता के साथ काम करता है और उसपर किसी बाहरी दबाव का कोई असर नहीं होता है. उन्होंने कहा, “हम निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
चुनाव से जुड़ी समस्याओं को दूर करने की पहल
CEC ने हसीना सरकार के समय फर्जी वोटर्स के मुद्दे को भी स्वीकार किया और वोटिंग में आई गिरावट की वजह जनता में चुनावी ढाचें के प्रति अविश्वास को बताया. उन्होंने इन चिंताओं को दूर करने के लिए जल्द ही वोटर लिस्ट अपडेट करने का काम शुरू करने की बात कही.
उन्होंने कहा, “मतदाता सूची अगले छह महीनों के अंदर अपडेट की जाएगी. इस बार चुनाव पिछले पैटर्न की तरह नहीं होंगे. 5 अगस्त से चुनावी मामलों पर राष्ट्रीय सहमति को बढ़ावा देने में खास प्रगति हुई है.” बता दें, बैठक के दौरान CEC ने वोटर लिस्ट अपडेट और आगामी राष्ट्रीय चुनाव की तैयारियों पर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं.
जनता का फिर विश्वास जीतने का संकल्प
बांग्लादेश में हुए पिछले कुछ चुनावों में मतदान में भारी गिरावट आई है. पिछले चुनावों में मुख्य विपक्षी पार्टियों ने धांधली का आरोप लगाते हुए चुनावों का बहिष्कार कर दिया था. उन्होंने कहा कि आयोग विश्वसनीय चुनाव कराने और प्रक्रिया में लोगों का भरोसा बहाल करने के लिए तैयार है. बैठक में विभिन्न स्तरों के क्षेत्रीय चुनाव अधिकारी शामिल हुए और चुनाव प्रबंधन, मतदान में सुधार के लिए रणनीतियों पर चर्चा हुई.
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
Source link