वाराणसी (फाइल फोटो)
वाराणसी में नए साल के सेलिब्रेशन के लिए पर्यटकों का हुजूम उमड़ रहा है. धार्मिक नगरी के अधिकतर होटल और लॉज खाली नहीं हैं. 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक फेस्टिव सीजन में 45 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस हफ्ते में वाराणसी में 1500 करोड़ रुपये के रेवन्यू आ सकता है. वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन नए साल पर आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर अपनी तैयारी कर रहा है.
विश्वनाथ मंदिर के एसडीएम शंभू शरण ने बताया कि पहली जनवरी 2024 को साढ़े सात लाख से ज्यादा लोगों ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए थे. इस बार कुम्भ का भी असर है. पिछले तीन सालों का आंकड़ा देखे तो इस बार आठ लाख से ज्यादा श्रद्धालु तो साल के पहले दिन ही दर्शन करेंगे. उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए ही अपनी तैयारी की है. स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी गई है और ज्यादा से ज्यादा बैरेकेडिंग की व्यवस्था की गई है.
एक हफ्ते में 45 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद
एसडीएम का कहना है कि खास बात ये है कि कुल श्रद्धालुओं का चालीस फीसदी युवा हैं. इस हिसाब से एक हफ्ते में करीब 45 लाख लोगों के बनारस आने का अनुमान है. अर्थ शास्त्री प्रोफेसर अनूप मिश्रा पिछले कई साल से पूर्वांचल और बनारस की अर्थव्यवस्था पर काम कर रहे हैं. उनका कहना है कि पीक फेस्टिव सीजन में बहुत से डोमेस्टिक टूरिस्ट ऐसे भी होते हैं, जो बनारस के घाट, संस्कृति और दर्शन से जुड़े स्थलों पर जाना ज्यादा पसंद करते हैं. जरूरी नही कि वो मंदिर जाएं. ऐसे लोगों की संख्या दर्शन करने वाले लोगों के मुकाबले भले कम हो, लेकिन फेस्टिव सीजन में ये ठीक ठाक संख्या होती है.
1500 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलने की उम्मीद
उन्होंने बताया कि अगर पैंतालीस लाख लोग मंदिर पहुंचेंगे, तो पांच लाख के आस पास ऐसे भी टूरिस्ट होंगे जो बनारस आएंगे लेकिन मंदिर नही जाएंगे. ये मान के चल रहे हैं कि 28 दिसंबर से तीन जनवरी के बीच करीब पचास लाख लोग बनारस आएंगे. जब सबकुछ 25 से 30% तक महंगा होता है तब एवरेज पर हेड 3000 रुपये का रेवेन्यू इस शहर को मिलता है. इसका रिपल इफेक्ट भी होता है और वो कमाई को बढ़ाते जाता है.
हालांकि, उसका कितना और कैसा असर बाकी चीजों पर पड़ता है, इसको ठीक ठीक बताना मुश्किल है. लेकिन सीधे-सीधे अगर बात करें तो पर हेड 3000 का रेवेन्यू तो इस शहर को अगले एक हफ्ते में मिलने जा रहा है. उसमें एक हिस्सा प्रसाद और दक्षिणा के रूप में मंदिर और पुजारियों को भी मिलता है. लेकिन वो भी शहर की ही कमाई का हिस्सा है. प्रोफेसर अनूप मिश्रा ने बताया कि पीक फेस्टिव सीजन में यानी कि 28 दीसंबर से तीन जनवरी के बीच वाराणसी को 1500 करोड़ का रेवेन्यू मिलने जा रहा है.
होटल हुए फुल, रूम के रेट दोगुना
होटल सेक्टर से जुड़े शैलेश त्रिपाठी का कहना है कि आप को इस समय ताज में कमरा नही मिल सकता है सब फुल हैं. सामान्य टैरिफ के मुकाबले जस्ट डबल रेट पर. जो कमरे 9000 के थे उनके रेट 17000 प्लस चल रहा है. बनारस का सबसे महंगा होटल नदेसर पैलेस के सभी रूम फुल हैं. वह कहते हैं कि इससे समझ लीजिए की इस समय होटलों की क्या स्थिति है. कोई विदेशी यहां नही ठहरे हैं, ये सब डोमेस्टिक टूरिस्ट हैं. शहर के बाकी होटलों और लॉज की भी यही स्थिति है. 30 % से 50% तक कमरे इस एक हफ्ते में आपको महंगे मिलेंगे. गाड़ियों के मामले में रेट इतना नही बढ़ता है. आस पास के स्टेट के लोग खुद की गाड़ी से आना पसंद करते हैं. फिर भी टेम्पो ट्रेवलर से लेकर छोटी गाड़ियों का रेंट 20% तक तो बढ़ ही जाता है.
ये सस्ते विकल्प भी मौजूद
टूरिज्म सेक्टर से ही जुड़े अभिषेक शर्मा का कहना है कि ऐसा नही है कि सभी महंगे होटलों में ही रुके. बनारस में कई ऐसे विकल्प भी हैं जहां कम खर्च में आप रुक सकते हैं और लोग रुकते भी हैं. विश्वनाथ मंदिर का अपना धर्मशाला है, जहां सिंगल, डबल और एसी /नॉन एसी रूम अवेलेबल हैं. पार्किंग की भी व्यवस्था है. कैंट रेलवे स्टेशन पर श्रीकृष्णा धर्मशाला एक अच्छा विकल्प है. गोदौलिया पर मारवाड़ी धर्मशाला में रुकने के लिए तो साल भर पहले बुकिंग करानी पड़ती है. माहेश्वरी धर्मशाला में तो 500 रुपये में अच्छे कमरे मिल जाते हैं. तुलसी घाट और केदार घाट पर भी ऐसी ही सुविधा आपको मिल जाएगी. श्री राम तारक आंध्र धर्मशाला, बंदर मछली मठ सहित और भी कई आश्रम और मठ से सम्पर्क हो तो भी रुका जा सकता है.
पहले करा लें बुकिंग
कहने का मतलब है कि बनारस में कम पैसों में भी आप रुक सकते हैं. लेकिन इन जगहों पर बुकिंग कम से कम पंद्रह दिन पहले करा लिया जाए नही तो ये वो जगह हैं जो सबसे पहले फुल होते हैं. सस्ते जगहों पर रुकने वाले खर्च कम करते हैं, ये भी सोचना गलत है. वो भी दर्शन पूजन के साथ साथ बनारस घूमने और यहां के बनारसी ब्रोकेड और साड़ियों में दिलचस्पी दिखाते हैं. ओयो की रिपोर्ट में भी बनारस सबसे ज़्यादा डोमेस्टिक टूरिस्ट फ्रेंन्ड्ली प्लेस के रूप में शुमार है.
– India Samachar
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