Noida News :
नोएडा प्राधिकरण के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हरी शंकर मिश्रा की संपत्ति पर दावा करने वाली दोनों महिलाओं के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। दोनों का कहना है कि वे हरी शंकर की असली पत्नी हैं। इस मामले में अब वे कानूनी रास्ता अपनाने जा रही हैं। अनीता मिश्रा का आरोप है कि उनके साथ धोखाधड़ी हो रही है और वे इस मामले में पुलिस में शिकायत करने के बाद कोर्ट में भी जाने की योजना बना रही हैं। वहीं, शिबा शिखा का दावा है कि वह ही हरी शंकर की असली पत्नी हैं और अनीता का उनसे तलाक हो चुका है।
तीनों महिलाओं के दस्तावेजों की जांच में जुटा प्राधिकरण
मंगलवार शाम को एक 45 साल की महिला ने हरी शंकर मिश्रा की बेटी होने का दावा किया और उसके दस्तावेज़ नोएडा प्राधिकरण में जमा कराए। अब प्राधिकरण ने तीनों महिलाओं के दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है। इन दस्तावेजों को उनके संबंधित विभागों से सत्यापित कराया जा रहा है, ताकि यह पता चल सके कि कौन से दस्तावेज़ असली हैं और कौन से नकली। बता दें कि रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हरी शंकर मिश्रा की मौत 11 जुलाई 2024 को गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल में लीवर की बीमारी के कारण हो गई थी। उनकी मौत के कुछ दिन बाद, शिबा शिखा नाम की एक 30 साल की महिला ने हरी शंकर की पत्नी होने का दावा किया था।
शीबा ने दस्तावेजों की सत्यता का किया दावा
शीबा का कहना है कि नोएडा प्राधिकरण ने हरी शंकर मिश्रा की प्रॉपर्टी उनके नाम ट्रांसफर की थी, लेकिन बाद में उसे निरस्त कर दिया गया। इसके खिलाफ वह प्राधिकरण के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का मन बना रही हैं। उनका कहना है कि प्राधिकरण में जो दस्तावेज लगाए गए हैं, वे पूरी तरह से सत्य हैं। शीबा ने यह भी कहा कि अनीता मिश्रा उनकी एक्स-वाईफ हैं, जिनसे उनका फरवरी 2023 में तलाक हो चुका था और मार्च 2024 में उन्होंने हरी शंकर से शादी की थी। नोएडा प्राधिकरण ने 17 दिसंबर तक जवाब मांगा था, लेकिन जब उन्होंने जवाब देने की कोशिश की, तब तक प्रॉपर्टी ट्रांसफर कैंसिल कर दिया गया।
कोर्ट तक पहुंचेगा मामला
शिबा शिखा ने शादी का प्रमाणपत्र और डेथ सर्टिफिकेट लेकर नोएडा प्राधिकरण में अपनी प्रॉपर्टी अपने नाम ट्रांसफर करने के लिए आवेदन किया। दस्तावेजों की जांच के बाद, 4 दिसंबर 2024 को प्राधिकरण ने सेक्टर-62 आरएन-14 के आवासीय भूखंड को शिबा के नाम कर दिया। हालांकि, शिबा द्वारा प्रस्तुत शादी का प्रमाणपत्र 3 जुलाई 2024 का था, यानी यह प्रमाणपत्र पीसीएस अधिकारी हरी शंकर मिश्रा की मौत से ठीक आठ दिन पहले का है। इस जानकारी के बाद अनीता मिश्रा अपने भतीजे के साथ नोएडा प्राधिकरण पहुंची और अब वह पुलिस कंप्लेंट दर्ज कराने का निर्णय ले रही हैं।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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