एक तरफ तो देश के कई मस्जिदों के सर्वे की मांग हो रही है. यूपी के कई शहरों में प्राचीन मंदिरों के मिलने की ख़बर से सियासी हलचल भी मची हुई है. ऐसे समय में बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के वर्किंग प्रेजिडेंट और बाबा साहब भीम राव आंबेडकर के पौत्र भीमराव यशवंत राव आंबेडकर ने देश के सभी प्रमुख मंदिरों के सर्वे की मांग कर दी है.
बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ़ इंडिया ने एएसआई से मांग है कि 12वीं सदी के बाद से उनका कोई पता नही चल रहा है. हमारा दावा है कि देश के कई महत्वपूर्ण मंदिर बौद्ध मठ तोड़कर बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि सम्राट अशोक से बनवाए गए असंख्य स्तूपों और विहारों का भी कोई अता पता नही है. हमारा दावा है कि देश के कई हिन्दू मंदिर प्राचीन मठों को तोड़कर बनवाया गया है और एएसआई को उन मंदिरों का सर्वे करना चाहिए.
काशी भगवान बुद्ध की है प्रथम उपदेश स्थली
भीमराव यशवंत राव आंबेडकर ने कहा कि 12वीं शताब्दी के बाद से असंख्य बौद्ध स्थलों और मठों का कोई अता पता नही है. इन जगहों पर हिन्दू धर्म के देवी देवता बिठा दिए गए हैं. सम्राट अशोक ने अकेले 84000 मठों /विहारों और स्तूपों को बनवाया था. आज काशी में ही आपको अनेक बौद्ध मठ या स्तूप नहीं मिलेंगे जिनका वर्णन इतिहास में है जबकि ये भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली है. हालांकि सभी बौद्ध स्थलों की खोज करना या सभी मंदिरों का सर्वे करना आसान नहीं होगा एक बबल जैसी स्थिति बन जाएगी फिर भी हमारे महत्वपूर्ण बौद्ध मठों /स्तूपों और विहारों को जो कि ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं उनकी खोज के लिए मंदिरों का सर्वे होना चाहिए.
सभी पार्टी भटक चुकी हैं दिशा
बाबा साहेब के पौत्र भीम राव यशवंत राव आंबेडकर ने कहा कि आज सभी दल बाबा साहेब को अपना आदर्श बताती हैं,लेकिन उनके सिद्धांत से किसी को कोई लेना देना नहीं. सबको सत्ता चाहिए और उसके लिए उनको बाबा साहेब का नाम चाहिए क्योंकि उनको पता है कि बाबा साहेब के करोड़ों फॉलोअर्स पूरे देश में हैं. इतिहास में जाकर बाबा साहेब के साथ पार्टी विशेष ने अन्याय किया है ये कहना ठीक नहीं है. तब की परिस्थितियों को आज अपनी सहूलियत से तोड़ना मरोड़ना ठीक नही है.बसपा जैसी पार्टी भी जो बाबा साहेब के सपनों को पूरा करने के लिए बनाई गई थी आज वो भी अपनी दिशा से भटक चुकी है.
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