Greater Noida News :
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेवर में बन रहे नोएडा एयरपोर्ट से प्रभावित किसानों के लिए मुआवजे की राशि को बढ़ा दिया है। अब नोएडा एयरपोर्ट से प्रभावित किसानों को 4300 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। जिसके बाद नोएडा एयरपोर्ट के काम में तेजी आ गई। नोएडा एयरपोर्ट (Noida Airport) प्रोजेक्ट के तीसरे और चौथे चरण में भूमि अधिग्रहण के साथ विकास को गति दी जा रही है। इस परियोजना में एयरोस्पेस निर्माताओं (Aerospace Manufacturers) के लिए 300 हेक्टेयर जमीन आरक्षित की गई है। जिससे भारत के विमानन और एयरोस्पेस क्षेत्र को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।
वैश्विक विमानन केंद्र का निर्माण
यह एयरपोर्ट करीब 6,200 हेक्टेयर भूमि में फैली होगी। जिसमें इंटरनेशनल एयरपोर्ट, कार्गो सुविधा और एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर शामिल होगा। यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि उनका लक्ष्य कम से कम पांच शीर्ष विमान निर्माण कंपनियों को इस केंद्र में लाना है। इससे न केवल एयरोस्पेस क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। बल्कि हजारों रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
42,435 किसान होंगे प्रभावित
परियोजना के तीसरे और चौथे चरण के लिए 14 गांवों में 2,053 हेक्टेयर कृषि भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इस प्रक्रिया में 42,435 भूस्वामी और उनके परिवार प्रभावित होंगे। जिनमें 15,245 महिलाएं और 10,847 नाबालिग शामिल हैं। परियोजना को सुचारु रूप से आगे बढ़ाने के लिए मुआवजा राशि को बढ़ाकर 4,300 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है। साथ ही व्यापक पुनर्वास पैकेज की व्यवस्था की गई है। पहले चरण में 1,334 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण से 8,971 परिवार प्रभावित हुए थे। जबकि दूसरे चरण में 1,365 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण से 3,800 किसानों का पुनर्वास किया गया।
यह भी होगा खास
हाल ही में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहली सफल लैंडिंग कराई गई। यह परियोजना के लिए एक मील का पत्थर साबित हुई। अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी होने के बाद यमुना प्राधिकरण और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड डेडलाइन तय करेंगे, जिससे एयरबस जैसी कंपनियों के लिए 750 एकड़ जमीन को तैयार कर निवेशकों को सौंपा जा सके।
विकास में लगेंगे चार चांद
तीसरे-चौथे चरण में भूमि अधिग्रहण और विकास का मुख्य उद्देश्य एयरोस्पेस क्लस्टर विकसित करना है। यह क्लस्टर भारत को वैश्विक विमानन और एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा। एयरबस और अन्य प्रमुख कंपनियों के आने से भारत में उन्नत तकनीकी विनिर्माण के साथ निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। परियोजना से क्षेत्र में आर्थिक विकास के साथ-साथ स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अनेक अवसर सृजित होंगे। सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने कहा, “यह परियोजना न केवल भारत को विमानन क्षेत्र में मजबूत बनाएगी। बल्कि स्थानीय समुदाय को भी सशक्त बनाएगी।”
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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