उत्तर प्रदेश के नोएडा में 30 साल की महिला पर फर्जी तरीके से प्रॉपर्टी अपने नाम करवाने का आरोप लगा है. वो भी रिटायर्ड पीसीएस की, जिनकी 5 महीने पहले मौत हो चुकी है. दिवंगत अधिकारी की बीवी को जब इसकी जानकारी हुई तो वो सीधे असली डॉक्यूमेंट्स लेकर नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर पहुंच गईं. उन्होंने एसीईओ के समक्ष रिटायर्ड पीसीएस की पत्नी होने से लेकर प्रॉपर्टी के सभी दस्तावेज प्रस्तुत किए.
30 साल की महिला ने खुद को रिटायर्ड पीसीएस हरी शंकर मिश्रा की पत्नी बताया था. जब महिला की जालसाजी का भंडाफोड़ हुआ तो प्राधिकरण ने रिटायर्ड पीसीएस की पत्नी की दावा करने वाली शिबा शिखा के नाम ट्रांसफर की गई प्रॉपर्टी को निरस्त कर दिया. इस मामले में अब पीड़ित परिवार कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है. पीड़ित परिवार का आरोप है कि ये सब एक षड्यंत्र के तहत कराया जा रहा है.
दो प्रॉपर्टी के लिए किया था आवेदन
रिटायर्ड पीसीएस की मौत 11 जुलाई 2024 को हो गई थी. इसके बाद शिबा ने शादी का सर्टिफिकेट और रिटायर्ड पीसीएस का डेथ सर्टिफिकेट लगाकर प्राधिकरण में प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने का आवेदन किया. ये आवेदन दो प्रॉपर्टी के लिए किया गया था. जिसमें एक प्रॉपर्टी प्राधिकरण ने शिबा के नाम कर दी. जानकारी मिलते ही हरी शंकर की असली पत्नी दस्तावेजों के साथ नोएडा प्राधिकरण पहुंचीं. उन्होंने दस्तावेज प्रस्तुत किए और जिसमें उन्होंने बताया कि शिबा ने जो दस्तावेज प्रस्तुत किए वो पूरी तरह से फर्जी है.
शादी के दो सर्टिफिकेट बनवाए
उसने शादी के दो सर्टिफिकेट बनवाए. एक 2019 का दूसरा 2024 का. साथ ही मुख्य दस्तावेजों को एडिट करवाकर प्राधिकरण में जमा कराया गया. ऐसे में प्राधिकरण एसीईओ वंदना त्रिपाठी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल एक्शन लिया और शिबा के नाम ट्रांसफर की गई प्रॉपर्टी को निरस्त कर दिया.
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