AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस (Atul Singhania Case Update) में एक के बाद एक नई जानकारियां सामने आ रही हैं. जौनपुर फैमिली कोर्ट का एक और दस्तावेज सामने आया है. दस्तावेजों के मुताबिक, अतुल ने बताया था कि वो निकिता (Nikita Singhania) को हर महीने पैसा भेजता है. लेकिन जिस बैंक खाते में वो पैसा ट्रांसफर करता है वो अकाउंट किसी और शख्स के नाम पर रजिस्टर्ड है. उस शख्स का नाम आरजे सिद्दीकी है. अब आरजे सिद्दीकी कौन है, ये सवाल सबके मन में उठ रहा है.
अतुल ने कहा था- आरजे सिद्दीकी का एड्रेस लखनऊ का है. जबकि, उसे इस शख्स के बारे में कोई जानकारी नहीं है. इस पर निकिता ने कहा था- मेरा किसी आरजे सिद्दीकी नाम के शख्स से और न ही लखनऊ से कोई लेना-देना है. पुलिस इस एंगल से भी मामले की जांच कर रही है कि आखिर ये आरजे सिद्दीकी है कौन?
फिलहाल अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया बेंगलुरु की जेल में बंद है. कोर्ट ने निकिता, अतुल की सास निशा और साले अनुराग उर्फ पीयूष को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है. 30 दिसंबर को तीनों की न्यायिक हिरासत खत्म होगी. इसके बाद तीनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा. अभी बेंगलुरु पुलिस तीनों से पूछताछ कर रही है. हालांकि, पुलिस पूछताछ में तीनों ने बस यही कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप गलत हैं.
निकिता ने पुलिस को कहा- मैंने पिछले साढ़े तीन साल में अतुल से कभी भी डायरेक्ट बात नहीं की. कोर्ट में ही हमारा आमना-सामना होता था. मैं अतुल की हरकतों से परेशान होकर ही मायके लौटी थी. ससुराल वाले और अतुल मुझसे दहेज की मांग करते थे. अतुल अपनी सारी सैलरी अय्याशी में उड़ा देते थे. उनकी तीन गर्लफ्रेंड थीं. अपनी सैलरी खत्म होने के बाद वो मेरी सैलरी भी खत्म कर देते थे. फिर मैं मां से जो पैसा मंगवाती थी, अतुल उसे भी मुझसे छीन लेते थे. अतुल की मारपीट और टॉर्चर से परेशान होकर ही मैं जौनपुप आ गई. अगर मुझे उनसे पैसे ही हड़पने होते तो मैं उन्हें क्यों छोड़ती. मैं वहीं साथ में रहकर उनसे पैसे हड़पती रहती. लेकिन मैं दिल्ली में अपनी नौकरी करती हूं.
क्या बोली निकिता सिंघानिया?
बेंगलुरु पुलिस को निकिता ने बताया- मैं मेंटेनेंस की डिमांड इसलिए कर रही थी क्योंकि मेरी सैलरी फ्लैट की पेमेंट में चली जाती थी. बच्चे को पालने में मुझे परेशानी होती थी. मैं बच्चे के लिए ही उनसे मेंटेनेंस की डिमांड कर रही थी.
जौनपुर कोर्ट से मिले एक दस्तावेज में अतुल ने कहा था- निकिता किसी रोहित निगम नाम के शख्स से घंटों तक बात करती थी. उसे लेकर हमारे बीच लड़ाई झगड़े होते थे. मैंने निकिता के परिवार को 16 लाख रुपये दिए थे. वो मुझसे 50 लाख की और डिमांड कर रहे थे. जब मैंने उन्हें पैसा देने से मना कर दिया तो वो लोग मुझे टॉर्चर देने लगे. निकिता मुझे छोड़कर चली गई. साढ़े चार साल के बेटे व्योम को भी साथ ले गई. मुझे मेरे बेटे से बात तक नहीं करने दी जाती. मेरी सैलरी 80 हजार रुपये है और निकिता मुझसे हर महीने इतने की डिमांड कर रही है. मैं इतना पैसा कहां से दूंगा.
9 दिसंबर को अतुल ने किया सुसाइड
9 दिसंबर को फिर अतुल ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा. 90 मिनट का वीडियो बनाया. फिर फंदे से लटककर जान दे दी. अतुल ने पत्नी निकिता, सास निशा, साला अनुराग और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया. साथ ही जौनपुर फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक और पेशकार माधव पर भी सेटलमेंट करवाने के नाम पर 5 लाख की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया. 10 दिसंबर को अतुल के भाई विकास की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज किया. इसी सिलसिले में निकिता, निशा और अनुराग की गिरफ्तारी हुई. तीसरा आरोपी यानि निकिता का चाचा फरार था. इससे पहले कि चाचा गिरफ्तार हो पाता, हाईकोर्ट से उसे जमानत मिल गई. फिलहाल निकिता, निशा और अनुराग न्यायिक हिरासत में हैं.
अतुल के पिता पवन मोदी की मांग
उधर, अतुल के पिता पवन मोदी ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, यूपी और बिहार के सीएम से न्याय की गुहार लगाई है. कहा- मेरे बेटे को इंसाफ मिलना चाहिए. नहीं तो बेटे की अस्थियां गटर में बहाकर आत्मदाह कर लूंगा. उन्होंने पोते व्योम की कस्टडी की भी मांग की है.
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