Ghaziabad News :
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भूड़ भारत नगर स्थित गुरुद्वारा गुरु नानक सिमरन सभा- विजय नगर में आयोजित वीर बाल दिवस संगोष्ठी में पहुंचे। उन्होंने इस मौके पर कहा कि वीर बाल दिवस गोष्ठी दरअसल हिंदुत्व के रक्षा के लिए सिखों के बलिदान की अमर गाथा है। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष ने बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के अमर बलिदान को नमन किया। बतौर मुख्य वक्ता भूपेंद्र चौधरी ने शहीदों की महान शहादत को याद करते हुए कहा कि वीर बाल दिवस हमें इन महान वीरों के बलिदान से प्रेरणा लेने का संदेश देता है। बता दें कि वीर बाल दिवस का आयोजन गुरु गोविंद सिंह के साहबजादों के शाहदत दिवस पर 26 दिसंबर को मनाया जाता है। मोदी सरकार ने वीर बाल दिवस मनाने की शुरूआत की है।
नैतिक मूल्यों के संचार के लिए ऐसे आयोजन जरूरी
प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा, “बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की अनुकरणीय गाथाएं युवाओं के लिए आदर्श हैं। इनकी शहादत न केवल हमारे गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है, बल्कि यह युवाओं को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करती है।” उन्होंने बताया कि इस संगोष्ठी के माध्यम से 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के तहत देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों का शंखनाद हो चुका है। “भाजपा का यह प्रयास समाज को एकजुट करने और नई पीढ़ी में नैतिक मूल्यों का संचार करने के लिए महत्वपूर्ण है। ऐसे आयोजन युवाओं में साहस, शौर्य और बलिदान की भावना का विकास करते हैं।”
चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की
प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने सोमवार को किसान दिवस के अवसर पर भारत रत्न स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान भी किया। क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेन्द्र सिसोदिया ने कहा, “वीर बाल दिवस हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों की याद दिलाता है। यह साहस, बलिदान और कर्तव्यनिष्ठा का संदेश देता है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से युवा पीढ़ी को अपने गौरवशाली इतिहास को समझने और उससे प्रेरणा लेने का अवसर मिलता है।” इस अवसर पर भाजपा के महानगर अध्यक्ष और सदर विधायक संजीव शर्मा, सहारनपुर विधायक राजीव गुंबर, पूर्व महापौर आशु वर्मा, पूर्व महापौर आशा शर्मा, पूर्व क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी सरदार एस.पी. सिंह ने भी अपने विचार रखे।
ये लोग भी रहे मौजूद
जगदीश साधना, पवन गोयल, मीडिया प्रभारी प्रदीप चौधरी, बॉबी त्यागी, सुनील यादव, सरदार जोगिंदर सिंह, सरदार बलप्रीत सिंह, गौरव चोपड़ा, सुशील गौतम, गोपाल अग्रवाल, सुरेंद्र नागर, प्रताप चौधरी, लवली कौर, पूनम गुप्ता, राहुल तोमर, दुष्यंत पुंडीर, परमजीत सिंह, गौरव अरोड़ा, कन्हैया लाल, ओमप्रकाश ओड, चमन चौहान, राहुल शर्मा, प्रतीक माथुर, वीरेंद्र सारस्वत, पप्पू नागर, हरमीत बक्शी, गुलशन भामरी आदि सहित सिक्ख समाज के लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के महानगर संयोजक बलप्रीत सिंह ने सभी अतिथियों का सरोपा पहनाकर स्वागत अभिनंदन किया।कार्यक्रम के दौरान युवाओं को प्रेरणा देने के लिए वीर बाल दिवस के महत्व पर विशेष जोर दिया गया और सिखों के बलिदानों की अमर गाथा से प्रेरणा लेने का आह्वान किया गया।
वीर बाल दिवस के बारे में जानें
यह बात सन 1705 की है। सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह ने मुगलों को नाकों चबा रखे थे। मुगल सेना गुरु गोविंद सिंह के पीछे हाथ धोकर पड़ी थी। जिसके चलते गुरु गोविंद सिंह परिवार से बिछुड़ गए और माता गुजरी दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह को साथ लेकर गंगू रसोईए के साथ अज्ञात स्थान पर चली गईं लेकिन गंगू को मुगलों ने खरीद लिया। सरहिंद के नवाब वजीर खां को गंगू ने सूचना दे दी और वजीर खां ने सेना भेजकर माता गुजरी और दोनों साहिबजादों को, जो मात्र सात और नौ वर्ष के थे, बंधक बना लिया। मुगल सेना ने माता गुजरी और साहिबजादों पर इस्लाम धर्म स्वीकार करने के लिए बड़े अत्याचार किए। 26 दिसंबर को दोनों साहिबजादों को जिंदा दीवार में चिनवा दिया, मगर साहिबजादों ने इस्लाम कबूल करने से साफ इंकार कर दिया। इस घटना के बाद माता गुजरी ने भी शरीर त्याग दिया था। इस शहादत दिवस को हम वीर बाल दिवस के रूप में मनाते हैं।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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