लखनऊ के इंडियन ओवरसीज बैंक में चोरी की जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे सुरक्षा के सारे इंतजाम की कलईभी खुलती जा रही है. बैंक के पिछली दीवार पर सेंध लगाई गई. इसके बाद करीब साढ़े तीन घंटे तक चोरों ने बैंक के 42 लॉकर को तोड़ा और करोड़ों रुपये के कीमती सामान लेकर फरार हो गए. चोर जब वारदात को अंजाम दे रहे थे, तब न तो अलॉर्म बजा और न ही कोई पुलिस की पेट्रोलिंग हुई. साथ ही बैंक पर कोई सिक्योरिटी गार्ड भी न था.
दरअसल, अयोध्या रोड पर चिनहट इलाके में इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखा है. बैंक में स्ट्रांग रूम के साथ ही लॉकर रूम भी था, जिसमें 90 लॉकर थे. चोरों ने शनिवार-रविवार की दरमियानी रात बैंक के पीछे की दीवार पर सेंध लगाई और लॉकर में घुसे. चोरों ने 42 लॉकर तोड़े. इन लॉकर में ज्वैलरी के अलावा अहम दस्तावेज रखे हुए थे. चोरों ने वारदात को अंजाम दिया और फरार हो गए. इस घटना ने बैंक के सुरक्षा मानकों पर सवाल उठा दिया है.
1. क्यों कोई गार्ड नहीं था?
आमतौर पर हर बैंक पर 24 घंटे गार्ड तैनात रहता है, लेकिन इस बैंक पर रात के समय गार्ड नहीं रहता है. पुलिस ने पुष्टि की है कि इंडियन ओवरसीज बैंक पर रात में कोई गार्ड नहीं रहता है. इस मामले में लॉकर धारकों का कहना है कि यह बैंक की गलती है, जबकि उन्हें गार्ड को तैनात करना चाहिए.
2. क्यों बैंक की पिछली दीवार पर प्लास्टर नहीं करवाया गया था?
अगर आपने बैंक की सेंधमारी की तस्वीर देखी होगी तो आपको दिखाई दे रहा होगा कि कैसे चोरों ने उस दीवार पर सेंध लगाई, जहां बाहर से प्लास्टर नहीं था. बताया जा रहा है कि बैंक को इस बात की फिक्र ही नहीं थी कि वहां पर प्लास्टर नहीं है, जिसका फायदा चोरों ने उठाया. साथ ही कई लोगों का कहना है कि चुनाई भी अच्छे मसाले से नहीं की गई थी.
3. 100 मीटर पर पुलिस चौकी, फिर भी कैसे हो गई चोरी?
यह बैंक जहां पर है, उससे महज 100 मीटर की दूरी पर मटियारी पुलिस चौकी है. रात में पुलिस की तैनाती भी रहती है और पेट्रोलिंग भी की जाती है, बावजूद इसके चोरों का हौसला इतना बुलंद था कि उन्होंने वारदात को अंजाम दे दिया और पुलिस को इसकी भनक अगली सुबह उस समय लगी, जब पड़ोसी ने उसे कॉल किया था.
4. अलॉर्म था या नहीं?
सबसे बड़ा सवाल है कि जब चोरों ने लॉकर रूम में लॉकर तोड़ा, तब सिक्योरिटी अलॉर्म क्यों नहीं बजा? शुरुआती जांच में पुलिस ने कहा था कि बैंक में सिक्योरिटी अलॉर्म नहीं था. हालांकि, बैंक ने इससे इनकार किया और कहा कि चोरों ने अलॉर्म का तार काट दिया था. फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है कि बैंक का अलॉर्म क्यों नहीं बजा.
5. बैंक में सिर्फ चार सीसीटीवी कैमरे क्यों लगे थे?
पुलिस की शुरुआती जांच में बैंक की कई लापरवाही सामने आई है. खासतौर पर सीसीटीवी कैमरे को लेकर. पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि बैंक में सिर्फ चार सीसीटीवी कैमरे लगे थे, जो कि नाकाफी थे. पुलिस ने बैंक से सवाल-जवाब किया है.
अभी तक कितने चोर पकड़े गए?
पुलिस की माने तो इस वारदात को 7 चोरों ने अंजाम दिया था, जिसमें 4 बैंक के अंदर दाखिल हुए थे और तीन बाहर इंतजार कर रहे थे. पुलिस ने तीन चोरों को गिरफ्तार कर लिया है, जिसमें बलराम, कैलाश और अरविंद शामिल है. यह तीनों बिहार के रहने वाले हैं. इनके पास से लाखों रुपये की नगदी और ज्वैलरी बरामद किया गया है. इसके साथ ही पुलिस बाकी बचे आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है. पुलिस को शक है कि कोई बैंककर्मी इनसे मिला हुआ था, जिसकी जांच जारी है.
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