गुरदासपुर में पुलिस पोस्ट पर हमले की जांच करती एनआईए
खालिस्तानी आतंकियों ने बीते एक महीने में पंजाब के पुलिस थानों और चौकियों पर हैंड ग्रेनेड और विस्फोटक से हमले किए हैं. इन घटनाओं के लिए पंजाब से जुड़े खालिस्तानी आतंकी संगठनों खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स KZF और बब्बर खालसा इंटरनेशनल BKI ने जिम्मेदारी भी ली है. पुलिस की जांच में पाया गया है कि इन घटनाओं के पीछे विदेश में बैठे कुख्यात आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा, हैप्पी पासियां और जीवन फौजी आदि का हाथ हैं. इन आतंकियों ने भारत में दहशत फैलाने के लिए आईएसआई के इशारे पर ग्रेनेड हमलों को अंजाम दिया है.
बता दें कि पंजाब पुलिस ने रविवार को ही उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ एक संयुक्त ऑपरेशन के दौरान पीलीभीत में तीन आतंकियों को मार गिराया है. इन आतंकियों ने पिछले दिनों गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर हैंड ग्रेनेड फेंका था. इस ऑपरेशन के दौरान पंजाब पुलिस ने आतंकी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स द्वारा संचालित इस लोकल आतंकी मॉड्यूल का खुलासा किया है. पंजाब पुलिस के मुताबिक इन आतंकियों ने बीते एक महीने में ही आठ पुलिस पोस्ट पर हैंड ग्रेनेड और बम फेके हैं. इस खुलासे के बाद से ही पंजाब पुलिस हाई अलर्ट हैं.
पुलिस पोस्ट को सुरक्षित बनाने में जुटी पुलिस
अब पंजाब पुलिस ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सभी थाने चौकियों पर नेट वाली जालियां लगाने के साथ चार दीवारियों को ऊंचा करने काम शुरू कर दिया है. पंजाब पुलिस के मुताबिक 24 नवंबर को अमृतसर के अजनाला थाने के बाहर RDX लगाया गया था. गनीमत रही कि यह विस्फोटक फटा नहीं. इस मामले की जिम्मेदारी आतंकी हैप्पी पासियां ने ली थी. इसके बाद 27 नवंबर को अमृतसर के गुरबख्श नगर में बंद पुलिस चौकी के अंदर ग्रेनेड विस्फोट हुआ. वहीं 2 दिसंबर को नवांशहर के काठगढ़ थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ.
गुरदासपुर में कई बार हो चुके हैं हमले
इसी प्रकार 4 दिसंबर को अमृतसर के मजीठा थाने में ग्रेनेड हमला हुआ. फिर 13 दिसंबर को गुरदासपुर के अलीवाल बटाला थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ. इस घटना की जिम्मेदारी भी हैप्पी पासियां और उसके साथियों ने ली थी. 17 दिसंबर को अमृतसर के इस्लामाबाद थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ. वहीं अगले दिन 18 दिसंबर को भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से सटे गुरदासपुर की बंद पड़ी पुलिस चौकी बख्शीवाला पर आतंकी हमला हुआ था. 20 दिसंबर को भी गुरदासपुर के बंगा वडाला गांव के पुलिस थाने पर ग्रेनेड फेंका गया.
डेड ड्रॉप मॉडल के आधार पर हो रहे हमले
पंजाब पुलिस के साथ इन मामलों की जांच में जुटी NIA के मुताबिक खालिस्तानी आतंकी 1984 में इस्तेमाल किए गए डेड ड्रॉप मॉडल के आधार पर हमले कर रहे हैं. इन हमलों का हैंडलर भारत की धरती से दूर कहीं विदेश में बैठा है. पुलिस के मुताबिक आतंकी इन वारदातों को अंजाम देने के लिए उन स्थानीय लोगों को भी शामिल कर ले रहे हैं, जिन्हें इलाके की अच्छी जानकारी होती है. माना जा रहा है कि इन हमलों के लिए पुलिस AI इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल कर रही है. आमतौर पर इस तकनीक का इस्तेमाल सेना करती रही है. पंजाब के डीजीपी गौरव यादव के मुताबिक इन आतंकी हमलों को देखते हुए राज्य में सुरक्षा-व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है. पुलिस थानों के बचाव के लिए विशेष सुरक्षा तंत्र लगाए जा रहे हैं.
– India Samachar
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