अरविंद केजरीवाल
देश के बदलते सियासी माहौल में महिलाएं अब सिर्फ वोटिंग ही नहीं कर रही हैं बल्कि सत्ता बनाने और बिगाड़ने में रोल भी अदा करती हैं. पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा वोटिंग ही नहीं कर रही हैं बल्कि अपने पसंद के उम्मीदवार को वोट कर रही हैं. यही वजह है कि साइलेंट माने जाने वाली महिलाएं सत्ता डिसाइंडिग वोटर बन चुकी हैं, जिसे देखते हुए आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले महिला वोटों को साधने के लिए बड़ा दांव चला है.
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार की ‘महिला सम्मान योजना’ का ऐलान किया है, जिसके तहत महिलाओं को 2100 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता सोमवार से दिल्ली में घर-घर जाकर महिला सम्मान योजना के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरेंगे. इसके साथ ही ‘संजीवनी योजना’ का रजिस्ट्रेशन करेंगे. इसके लिए किसी कतार में खड़े होने और ऑफिस के चक्कर लगाने के बजाय आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता खुद ही दिल्ली के घर-घर जाकर फार्म भरने का काम करेंगे.
केजरीवाल का महिलाओं के लिए बड़ा ऐलान
दिल्ली सरकार ने 24-25 के बजट में ‘सीएम महिला सम्मान योजना’ की घोषणा की थी, जिसके तहत 18 वर्ष से ऊपर की सभी महिलाओं को 1000 रुपये प्रति महीने देने की घोषणा की थी, लेकिन केजरीवाल ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में लौटती है तो 2,100 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे. केजरीवाल ने कहा कि इससे दिल्ली की बेटियों और महिलाओं को आर्थिक मदद मिलेगी. दिल्ली में कई बेटियां हैं जिनकी कॉलेज की शिक्षा आर्थिक तंगी के कारण 12वीं कक्षा के बाद बाधित हो जाती है. इस 2100 रुपये से वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगी और उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी.
दिल्ली विधानसभा चुनाव से केजरीवाल का महिला सम्मान योजना के तहत 2100 रुपये प्रति माह देने का दांव आम आदमी पार्टी के लिए मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है. केजरीवाल की ये घोषणा गरीब-झुग्गी-झोपड़ी वालों के बीच पार्टी की लोकप्रियता को और भी बढ़ा सकती है. आम आदमी पार्टी ने जिस तरह से महिलाओं को 2100 रुपये देने का दांव चला है, उसका दिल्ली की सियासत पर प्रभाव पड़ सकता है, यह बात ऐसी ही नहीं कही जा रही है बल्कि महाराष्ट्र, हरियाणा और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में नतीजों को देखा जा चुका है.
महिला योजना ने बदले कई राज्यों में नतीजे
मध्य प्रदेश में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2023 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ‘लाडली बहना योजना’ के अंतर्गत हर महिला को 1,250 रुपये देने की घोषणा कर सारे राजनीतिक समीकरण पलट दिए थे. उसी फॉर्मूले को बीजेपी ने हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में आजमाया था, जो हिट रहा. अब दिल्ली चुनाव में इसी फार्मूले को आजमाने का दांव केजरीवाल ने भी चला है, जो आम आदमी पार्टी के लिए सियासी मददगार साबित हो सकता है.
देश के किस राज्य में कितना सम्मान
देश के कई राज्यों में महिलाओं के लिए योजना चल रही है. इन योजनाओं के तहत राज्य सरकारें महिलाओं को एक तय आर्थिक राशि प्रति महीने देने का काम करती है. महाराष्ट्र की महायुति सरकार माझी लड़की बहिन योजना के तहत पहले 1500 रुपये प्रति माह देती थी, लेकिन दोबारा से सत्ता में लौटने के बाद 2100 रुपये देने का वादा किया था. बीजेपी के अगुवाई वाली फडणवीस सरकार महिलाओं को 21 सौ रुपये प्रति माह देगी.
मध्य प्रदेश में ‘लाडली बहना योजना’ के तहत 1,250 रुपये प्रति माह महिलाओं को दिए जाते हैं. सीएम मोहन यादव ने ऐलान किया है कि इस योजना की राशि आगे बढ़कर 3 हजार से पांच हजार तक कर देंगे. मध्य प्रदेश में फिलहाल 12,905, 457 महिलाओं को लाडली बहना योजना का लाभ मिल रहा है. ओडिशा में बीजेपी सरकार सुभद्रा योजना के तहत साल में महिलाओं को दस हजार रुपये देती है. कर्नाटक में गृह लक्ष्मी योजना कांग्रेस सरकार लेकर आई है, जिसके तहत महिलाओं को हर महीने दो हजार रुपये दिए जाते हैं.
वहीं, झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार मईंया सम्मान योजना चला रही है, जिसके तहत महिलाओं को पहले 1000 रुपये मिलते थे, जिसे अब बढ़ाकर सरकार ने 2100 रुपये कर दिया है. हरियाणा में बीजेपी की सरकार ने चुनाव से पहले महिलाओं को 2100 रुपये प्रति माह देने का वादा किया था, जिसे लेकर सीएम नायब सिंह सैनी की सरकार 2025 के बजट में अपने वादे की दिशा में कदम उठाएगी. असम में बीजेपी की अरुणोदोई योजना के तहत 1250 रुपये प्रति माह महिलाओं को देती है. तमिलनाडु में मगलीर उरीमाई थोगाई योजना के तहत महिलाओं को 1,000 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं तो पश्चिम बंगाल में लक्ष्मी भंडार योजना के तहत 1,000 रुपये दिए जाते हैं, जिसे ममता बनर्जी ने बढ़ाकर 1200 रुपये प्रति माह करने का वादा किया था.
बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव है. आरजेडी के नेता व पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अभी से ही महिलाओं के लिए माई-बहिन मान योजना का वादा किया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर बिहार में हमारी सरकार बनती है तो सरकार बनने के एक महीने के अंदर माई-बहिन मान योजना के तहत महिलाओं के खाते में सीधे 2500 रुपये देगी. इस तरह हर महीने 2500 रुपये माह दिए जाएंगे. इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी ने भी दिल्ली की महिलाओं का हर महीने का 2100 रुपये देने का ऐलान किया है.
महिलाओं का वोटिंग पैटर्न बदला
देश में महिलाओं के वोटिंग पैटर्न में बड़ा बदलाव आया है और महिलाएं अब सत्ता बनाने -बिगाड़ने की ताकत रखती हैं. पिछले कुछ चुनाव से महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत भी बढ़ा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत एक फीसदी ज्यादा रहा था. 2024 में वोटिंग पैटर्न बराबर रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर बिहार में नीतीश कुमार और ममता बनर्जी तक महिलाओं के वोटबैंक पर अपनी पकड़ बनाए हुए हैं.
मोदी सरकार ने तमाम योजनाओं को महिलाओं पर केंद्रित कर रखा है. बीजेपी की जीत में भी महिला वोटरों की अहम भूमिका रही है, जिसे पीएम मोदी खुद ही कह चुके हैं. नीतीश कुमार भी महिला वोटबैंक को मजबूती से बनाए रखने के लिए शराबबंदी कानून लेकर आए तो ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल में जीत के पीछे भी महिला वोटर की भूमिका मानी जाती है. इसके अलावा बीजेपी ने कई राज्यों में महिला मतदाताओं को साधने की कवायद की है.
दिल्ली में क्या मास्टर स्ट्रोक साबित होगा
दिल्ली मेट्रो पोलिटन राज्य हैं. यहां शिक्षा और प्रति व्यक्ति आय का स्तर देश के टॉप स्टेश में शुमार हैं. दिल्ली में पुरुषों के साथ महिलाएं कदम से कदम मिलाकर चल रही है और अपने निर्णय भी खुद ले रही है. वोटिंग को लेकर जागरूकता का स्तर ग्रामीण इलाकों की तुलना में अधिक है. शहरी सीटें होने के चलते यहां महिलाओं का वोट प्रतिशत काफी अच्छा रहता है. इस बात को चुनाव आयोग के आंकड़े से भी समझा जा सकता है.
दिल्ली में पिछले विधानसभा चुनाव में 62.62 फीसदी पुरुषों और 62.55 फीसदी महिलाओं ने वोट डाले थे. इससे साफ है कि वोट देने में महिलाएं पुरुषों की तुलना में कहीं पीछे नहीं है. ऐसे में मुख्यमंत्री महिला सम्म्मान योजना वाला दांव आम आदमी पार्टी के लिए कारगर साबित हो सकता है, क्योंकि महिलाएं खुलकर वोटिंग का उपयोग कर रही हैं. देश में विकास और चुनावी रिफॉर्म के चलते महिलाओं की वोटिंग फीसदी में बढ़ोतरी हो रही है. केजरीवाल ने दिल्ली चुनाव से पहले महिलाओं को 2100 देने का फैसला किया है. केजरीवाल के इस ऐलान से दिल्ली के सियासी समीकरणों में एक बार फिर बड़ा बदलाव हो सकता है.
– India Samachar
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