साल 2024 में साउथ और बॉलीवुड वालों ने मिलकर खूब धमाल मचाया. 25 दिसंबर को वरुण धवन (Varun Dhawan) की ‘बेबी जॉन’ (Baby John) आ रही है. फिल्म का ट्रेलर जबरदस्त था, जिसे लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला. एटली की यह फिल्म तमिल फिल्म ‘थेरी’ का रीमेक है, तो कहानी तो पहले ही लोगों को पता है. ऐसे में कई सारी चीजों में मेकर्स को सावधानी बरतने की जरूरत है.
फिल्म की कहानी पहले से पता होने के चलते अब जनता को एंडिंग तो क्लियर है. तो फिल्म देखने के लिए सिर्फ वरुण धवन वजह नहीं हो सकते. बिल्कुल उनके काम पर भी बहुत कुछ निर्भर रखता है. पर स्क्रीनप्ले ही ताले ही चाबी है. वहीं डायरेक्शन और सिनेमैटोग्राफी समेत वो 5 चीजें कौन सी हैं, जो परफेक्ट होनी जरूरी है.
ये 5 गलतियां भारी पड़ सकती हैं!
- ओवर ड्रामा: थलपति विजय की ‘थेरी’ सीधी और इंटरेस्टिंग कहानी थी, जो लोगों को पसंद आई थी. पर क्योंकि यह कहानी पहले ही लोग देख चुके हैं, तो सिर्फ वरुण धवन के लिए कोई क्यों जाए. यूं तो जाने वाले जाएंगे ही, पर वरुण धवन के अभिनय पर भी बहुत कुछ टिका है. जो काम थेरी में विजय ने किया था, वरुण धवन को उससे कुछ बढ़िया करके दिखाना होगा. उन्हें पहले ही कंपेयर किया जा रहा है, कुछ भी इधर-उधर ओवर ड्रामा दिखा, तो मामला खराब हो जाएगा.
- स्क्रीनप्ले पर सब टिका: स्क्रीनप्ले ही तो किसी भी फिल्म की जान होता है. स्क्रीनप्ले खराब चीजों को भी अच्छा बना सकता है. कहानी पता होने के बाद अब स्क्रीनप्ले को ही कुछ अलग करके दिखाना होगा. स्क्रीनप्ले जितना बेहतर तरीके से लिखा होगा, कहानी चाहे पुरानी ही क्यों न हो, एक नयापन दे जाएगी. पर उसके लिए इसमें दम होना चाहिए.
- नयापन जरूरी: ‘बेबी जॉन’ रीमेक है. ऐसे में थेरी की तरह ही फिल्म को नए स्टार्स के साथ बड़े पर्दे पर उतारा गया है. पर रीमेक को हिट करवाने के लिए जरूरी है कि इसमें नयापन हो. यूं तो पिछली कुछ फिल्मों को देखा जाए, तो रीमेक खास परफॉर्म नहीं कर पाए हैं. वहीं, जो ट्रेलर सामने आया है, उसमें वरुण धवन एक नए अंदाज में दिखे हैं, पर यह पूरी फिल्म में बना रहे यह जरूरी है.
- सलमान खान का कैमियो: भाईजान का कैमियो हो रहा है, इससे बड़ी बात क्या हो सकती है. पर कई फिल्मों में देखा गया है कि जबरदस्ती कहीं पर भी कैमियो डाल दिया जाता है. जिसका कोई फायदा तो होता नहीं, उलटा नुकसान हो जाता है. बेहद जरूरी है कि सलमान खान का कैमियो एकदम परफेक्ट जगह पर हो. नहीं तो लोगों के लिए इस कैमियो के मायने खत्म हो जाएंगे.
- डायरेक्शन और सिनेमैटोग्राफी: क्योंकि फिल्म एक रीमेक है, इसलिए लोगों को फोकस करने के लिए बाकी चीजें चाहिए होंगी. अगर बाकी सब एकदम परफेक्ट रहा, तो मामला बन जाएगा. खासकर डायरेक्शन और सिनेमैटोग्राफी पर बहुत कुछ निर्भर करता है. यह पांचों चीजें फिल्म को फायदा देने वाली हैं, अगर सबकुछ ऑन प्वाइंट रहा. कुछ भी इधर-उधर हुआ, तो मामला बिगड़ जाएगा.
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