जयपुर। रात का समय था, और पुलिस थाना मुहाना की टीम ने एक अपहरण मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए अपहृत कर्मचारी को महज 6 घंटे के भीतर छुड़ाया और तीन आरोपी गिरफ्तार किए। यह दिलचस्प कहानी है HD बार एंड रेस्टोरेंट से एक कर्मचारी, मनीष चौधरी के अपहरण की, जिसमें आरोपियों ने फिरौती के रूप में 10 लाख रुपये की मांग की थी। पुलिस की साहसिक और तत्पर कार्रवाई ने न केवल अपहृत व्यक्ति को बचाया, बल्कि अपराधियों के नापाक मंसूबों को भी नाकाम कर दिया।
घटना का प्रारंभ : 19 दिसंबर 2024 की रात को, सुमेर नगर स्थित HD बार एंड रेस्टोरेंट से अज्ञात अपराधियों ने मनीष चौधरी का अपहरण कर लिया। मनीष उस रेस्टोरेंट में काम करता था। अपहरणकर्ताओं ने रेस्टोरेंट के मालिक श्री हंसराज जाट को व्हाट्सएप पर कॉल करके मनीष को छोड़ने के बदले 10 लाख रुपये की फिरौती की मांग की। साथ ही, उन्हें जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद, पुलिस ने मामले में त्वरित रूप से एफआईआर दर्ज कर अपराधियों की तलाश शुरू की।
पुलिस कार्रवाई : दिंगत आनन्द, आईपीएस, पुलिस उपायुक्त दक्षिण ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत एक विशेष टीम का गठन किया। पुलिस टीम ने तकनीकी सहायता और मुखबिर तंत्र का इस्तेमाल करते हुए घटनास्थल और आसपास के इलाके के 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। इसी दौरान, पुलिस को पता चला कि आरोपी अपहृत व्यक्ति को एक बलेनो कार में लेकर दौसा की तरफ भाग गए थे। पुलिस ने दौसा पुलिस को सूचना दी और आरोपी का पीछा किया।
जैसे ही आरोपी दौसा के जंगल में छिपे थे, पुलिस टीम ने घेराबंदी की और बिना किसी डर के दबिश दी। इस ऑपरेशन में मनीष चौधरी को सकुशल बचा लिया गया, और मौके पर ही तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, कुछ अन्य आरोपी जंगल का फायदा उठाकर भागने में सफल हो गए, जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
गिरफ्तार आरोपी : लोकेश गिडवानी (उम्र 20 साल), निवासी मुरलीपुरा, जयपुर। प्रेम गुप्ता (उम्र 24 साल), निवासी मुरलीपुरा, जयपुर। उमेश कुमार (उम्र 25 साल), निवासी सीकर, जयपुर।
विशेष योगदान : अपहृत व्यक्ति को सकुशल छुड़ाने और आरोपियों की गिरफ्तारी में पुलिसकर्मियों का अहम योगदान था। विशेष रूप से, एएसआई प्रेमचन्द, ओमप्रकाश डोबर कानि, राजेश कानि, सचिन कानि, और संजीव चालक का कार्य सराहनीय रहा।
यह मामला पुलिस विभाग की त्वरित कार्रवाई और समर्पण का बेहतरीन उदाहरण है। आरोपियों का मनसूबा था अपनी मर्जी से शौक पूरे करना, लेकिन पुलिस की दक्षता और एकजुटता ने उनके मंसूबों को नाकाम कर दिया। मामले की जांच जारी है, और पुलिस अपराधियों के बाकी साथियों को पकड़ने के लिए पूरी तरह से सक्रिय है।
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