Ghaziabad News :
आज पूरी दुनिया को शांति की तलाश है। भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई सुकून के दो पल खोजने में लगा है, और यह काम केवल मेडिटेशन से ही संभव है। यह बातें पहले विश्व ध्यान दिवस पर योग गुरु मुनेष सिन्हा ने कहीं। योग गुरु शनिवार को एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन में मेडिटेशन का अभ्यास कराने पहुंचे थे। इस मौके पर वाहिनी परिसर में “एक पेड़ मां के नाम” अभियान भी चलाया गया। एनडीआरएफ के जवानों ने सामुहिक रूप से योगाभ्यास किया और पौधे भी लगाए।
एकाग्रता बढ़ाता है मेडिटेशन
एनडीआरएफ के जवानों के लिए प्रथम विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर ध्यान शिविर का आयोजन रैस्कूअर्स क्लब में किया गया। शिविर के दौरान योग गुरु मुनेष सिन्हा सामूहिक रूप से योगाभ्यास कराते हुए जवानों को ध्यान का संदेश दिया और मेडिटेशन की महत्ता बताई। उन्होंने कहा कि ध्यान ही वह माध्यम है, जो हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। इससे मन में एकाग्रता बढ़ती है, जो सकारात्मकता और कार्य क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
मेंटल हेल्थ को बूस्ट करता है मेडिटेशन
इस मौके पर एनडीआरएफ बटालियन कमांडेंट प्रवीण कुमार तिवारी ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें प्रतिदिन 5 से 10 मिनट तक मेडिटेशन अवश्य करना चाहिए, इससे हमारे मन को केंद्रित करने में मदद मिलती है। यह दिमाग को शांत करने और नकारात्मक भावनाओं को बाहर निकालने में मदद करता है। इससे न केवल तनाव कम होता है बल्कि डयूटी के प्रति फोकस भी बेहतर होता है, इसका सबसे बड़ा फायदा मेंटल हेल्थ को बूस्ट करना है।
योग गुरु को सम्मानित किया
इस मौके पर वाहिनी कमांडेंट प्रवीण कुमार तिवारी एवं नावा अध्यक्षा 8वीं बटालियन, एनडीआरएफ डा. अनुपम गौतम के साथ वाहिनी के सभी अधिकारियों और जवानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस मौके पर जवानों ने “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत पौधारोपण किया और योग गुरु ने वाहिनी परिसर में तैयार किये गये मियाबाकी फोरेस्ट तथा वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण क्षेत्र का भ्रमण भी किया। कमांडेंट प्रवीण कुमार तिवारी ने योग गुरु मुनेष सिन्हा को शॉल और प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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