गुरुवार को अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव ने रिपब्लिकन पार्टी की ओर से लाए गए स्पेंडिंग बिल को खारिज कर दिया, यह बिल सरकारी शटडाउन को टालने के लिए अस्थायी समाधान प्रदान करने वाला था.
अगर शुक्रवार की आधी रात तक शटडाउन रोकने का उपाय नहीं किया गया तो अमेरिकी सरकार के सामने बड़ा संकट होगा. ट्रंप समर्थित इस बिल का मकसद सरकार की फंडिंग को बढ़ाना और राष्ट्रीय कर्ज सीमा को सस्पेंड करना था, निचले सदन में यह बिल 174 की तुलना में 235 वोटों से खारिज कर दिया गया.
शटडाउन क्या है और इससे क्या होगा?
यह ऐसे समय में हुआ है जब महज एक दिन बाद अमेरिका सरकार के पास नकदी खत्म होने वाली है. इससे देश में व्यापक स्तर पर व्यवधान होगा, जिसमें छुट्टियों के दौरान यात्रा में संभावित देरी भी शामिल है. आसान शब्दों में अगर इसे समझा जाए तो सरकारी शटडाउन तब होता है जब संघीय सरकार के पास जरूरी खर्चों के लिए फंड खत्म हो जाता है, ऐसी स्थिति में अगर शुक्रवार रात तक अमेरिकी संसद से फंडिंग बिल पास नहीं होता तो देश भर में तमाम सरकारी सेवाओं पर व्यापक असर पड़ेगा.
शटडाउन की कगार पर अमेरिका. (Gary Kemp Photography/Moment/ Getty Images)
अमेरिकी सरकार शटडाउन का सामना कर रही है और इसके साथ ही संघीय संचालन ठप्प हो सकता है. जिससे नेशनल पार्क से लेकर बॉर्डर प्रवर्तन तक लगभग सब कुछ प्रभावित होगा. साथ ही इससे करीब 20 लाख संघीय कर्मचारियों की सैलरी रुक जाएगी.ट्रांसपोर्ट सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन (TSA) ने भी चेतावनी दी है कि हॉलीडे सीजन के दौरान हवाई यात्रा पर असर पड़ सकता है, इससे एयरपोर्ट पर सामान्य से अधिक प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है.
ट्रंप के समर्थन के बावजूद बिल फेल
नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके अरबपति सहयोगी एलन मस्क के मजबूत समर्थन के बावजूद गुरुवार को GOP नेताओं की ओर से तैयार किए गए विधेयक को संसद में रिपब्लिकंस सदस्यों के बीच काफी विरोध के कारण पारित नहीं किया जा सका. वोटिंग के दौरान कुल 38 रिपब्लिकन सदस्यों ने डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों का साथ देते हुए बिल के खिलाफ वोट किया.
ट्रंप के समर्थन वाले बिल में क्या था?
यह बिल, जो पिछले वर्जन से मिलता-जुलता है, जिसकी डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क ने कड़ी आलोचना की थी, इसमें सरकार को मार्च तक फंडिंग प्रदान करने का प्रावधान था, जब डोनाल्ड ट्रंप आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति ऑफिस संभालेंगे और अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के दोनों सदनों में रिपब्लिकंस का नियंत्रण होगा. इसने आपदा राहत के लिए 100 बिलियन डॉलर का प्रस्ताव भी रखा और दो साल के लिए कर्ज सीमा को बढ़ाने का लक्ष्य रखा था.
डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के समर्थन के बावजूद पास नहीं हो पाया बिल.
कर्ज सीमा बढ़ाने को लेकर विवाद?
हालांकि ट्रंप सहित बिल के समर्थकों ने इसे भविष्य में टैक्स कटौती और खर्च से जुड़े फैसलों का रास्ता आसान बनाने के लिए एक जरूरी कदम के तौर पर देखा. ट्रंप ने कर्ज सीमा को सस्पेंड करने पर जोर डाला, उनका तर्क है कि इससे महत्वपूर्ण कर कटौती के लिए आधार तैयार करने में मदद मिलेगी, जिसमें 8 ट्रिलियन डॉलर की टैक्स कटौती का वादा भी शामिल है.हालांकि आलोचकों का तर्क है कि इससे राष्ट्रीय कर्ज और बढ़ जाएगा जो वर्तमान में 36 ट्रिलियन डॉलर है.
कर्ज सीमा पर बहस, फंडिंग के विवाद का मुख्य केंद्र है जो अमेरिका की संघीय सरकार को शटडाउन की कगार पर धकेल रही है. नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शटडाउन रोकने से जुड़े कानून में राष्ट्रीय कर्ज सीमा को बढ़ाने या निलंबित करने के प्रावधान को शामिल करने की मांग की थी. जबकि रिपब्लिकन हमेशा से इसका विरोध करते रहे हैं. बुधवार को ट्रंप ने अपने बयान में कहा था कि, ‘इसके अलावा कुछ भी हमारे देश के साथ बड़ा धोखा होगा.’
ट्रंप के अचानक उठाए गए इस कदम से डेमोक्रेट्स के साथ की गई द्विपक्षीय फंडिंग डील को झटका लगा है, जिससे सदन के रिपब्लिकन नेताओं को नए सिरे से शुरुआत करने पर मजबूर होना पड़ा.
राष्ट्रीय कर्ज सीमा क्या है?
कर्ज सीमा या कर्ज सीलिंग, वह कुल रकम है जो अमेरिका की सरकार अपने मौजूदा कानूनी दायित्यों को पूरा करने के लिए उधार के तौर पर ले सकती है. अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट को अगर इससे अधिक की रकम कर्ज के तौर पर लेनी है तो पहले अमेरिकी कांग्रेस (संसद) से इसकी सीमा बढ़ाने के लिए मंजूरी लेनी होगी.
मौजूदा समय में संघीय सरकार का कर्ज करीब 36 ट्रिलियन डॉलर है, और कोरोना महामारी के बाद महंगाई में वृद्धि ने सरकार की उधारी लागत को इस तरह बढ़ा दिया है कि अगले साल कर्ज भुगतान राष्ट्रीय सुरक्षा पर खर्च से अधिक हो जाएगा.
इससे पहले जून 2023 में लॉमेकर्स ने कर्ज सीमा को बढ़ाया था. कर्ज सीमा को एक डॉलर की रकम से बढ़ाने के बजाय सांसदों ने 1 जनवरी 2025 तक कर्ज सीमा को निलंबित कर दिया था, यानी इस दिन यह लिमिट अपने आप ट्रेजरी विभाग की ओर से जारी की गई कर्ज की राशि से मेल खाने के लिए बढ़ जाएगी.
कर्ज सीमा से जुड़ा विवाद क्या है?
ट्रंप ने कर्ज सीमा से निपटने की मांग को सरकारी फंडिंग के विवाद से जोड़ते हुए कहा है कि एक के बिना दूसरे का समाधान नहीं किया जाना चाहिए.बुधवार को खर्च से जुड़े प्रस्ताव को खारिज करते हुए ट्रंप ने कहा था कि वह चाहते हैं कि कर्ज सीमा बहस को अगले महीने उनके दफ्तर संभालने से पहले सुलझा लिया जाए.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि, हाल के दिनों में कर्ज सीमा पर वोटिंग को राजनीतिक लाभ उठाने के साधन के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. कर्ज सीमा बढ़ाने वाला विधेयक ऐसा है जिसे पास करना जरूरी है और इसे दूसरी प्राथमिकताओं के साथ जोड़ा जा सकता है.
फेडरल सरकार के पास खत्म हो रही नकदी.
कर्ज सीमा नहीं बढ़ाई गई तो क्या होगा?
रिपोर्ट्स के अनुसार, फिलहाल कर्ज सीमा बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है. 1 जनवरी को जब कर्ज सीमा लागू होगी तो ट्रेजरी विभाग कुछ असाधारण उपाय का इस्तेमाल करना शुरू कर सकता है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि अमेरिका अपने कर्ज पर चूक न करे.
कुछ लोगों का अनुमान है कि यह अकाउंटिंग मैन्यूअर्स के कारण डिफॉल्ट डेडलाइन 2025 की गर्मियों तक खिसक सकती है. लेकिन ट्रंप वास्तव में इसे टालना चाहते हैं क्योंकि तब उनके राष्ट्रपति रहते हुए इसे बढ़ाने की आवश्यकता होगी.
लॉमेकर्स ने हमेशा समय आने पर कर्ज सीमा बढ़ाई है, क्योंकि विफलता के परिणाम बहुत गंभीर होते हैं. कार्रवाई के बिना, सरकार अपने कर्जों पर डिफ़ॉल्ट हो जाएगी. यह ऐसी स्थिति है, जिसके बारे में ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन और आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह अर्थव्यवस्था और वैश्विक बाजारों के लिए विनाशकारी हो सकती है.
लॉमेकर्स के पास सिर्फ एक दिन का समय!
हालांकि फिलहाल अमेरिका के लॉमेकर्स के पास शुक्रवार का दिन बाकी है, जब वह सरकारी शटडाउन को टालने के लिए जरूरी बिल को संसद से पास करा सकते हैं लेकिन कर्ज सीमा बढ़ाने को लेकर ट्रंप की मांग का विरोध डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों समेत कई रिपब्लिकन सांसदों ने भी किया है.
ऐसे में देखना होगा कि क्रिसमस की छुट्टियों से पहले दोनों प्रमुख दल मिलकर कोई उपाय निकाल पाते हैं या फिर त्योहारी सीजन में अमेरिका को एक बार फिर शटडाउन का सामना करना पड़ेगा.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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