चीन के बारे में दुनिया को बेहद कम मालूम है. इसकी सबसे बड़ी वजह वहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगी लगाम है. सरकारी तंत्र की मर्जी के बगैर जानकारी वहां छपती नहीं. विदेशी मीडिया और दूसरी संस्थाएं बड़ी मशक्कत से कुछ-कुछ खुलासे कर पाती हैं. ऐसे में, जब अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन ने बुधवार को चीन के मिलिट्री पर अपनी सालाना रिपोर्ट प्रकाशित किया तो समूची दुनिया के लिए ढेर सारी जानकारियां नई और रोचक थीं.
बीजिंग की सैन्य व्यवस्था को आधुनिक करने के लिए चीन की सरकारें पिछले कई दशक से काम कर रही हैं. मगर रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन की सैन्य बल को सुधारने की दिशा में किए जा रहे इन प्रयासों को भ्रष्टाचार की वजह से काफी चोट पहुंची है. आप जानते हैं कि पिछले कुछ महीनों में एक के बाद एक कई बड़े चीन के नेताओं को भ्रष्टाचार के मामलों में अपने पद छोड़ना पड़ा है, कुछ के तो लापता तक होने की खबरें अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियों में रहीं थीं.
पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और उसमें भ्रष्टाचार के मामले को लेकर किस तरह के बड़े दावे किए हैं. एक नजर –
भ्रष्टाचार को लेकर पेंटागन के दावे
पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मुमकिन है चीन की सेना में भ्रष्टाचार के मामलों ने उसके 2027 के सैन्य आधुनिकीकरण को लक्ष्यों को काफी हद तक प्रभावित किया हो. पिछले साल की शुरुआत ही से चीन की सेना में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक व्यापक अभियान छिड़ा हुआ है.
अभी पिछले महीने ही की बात है, जब चीन की सरकार ने एक शीर्ष सैन्य अधिकारी को निलंबित कर दिया. उस अधिकारी पर अनुशासन के गंभीर उल्लंघन का जांच चल रहा है. इसे भी रिपोर्ट में पीएलए पर असर के तौर पर दिखाया गया है.
पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई और दिसंबर 2023 के बीच कम से कम 15 बड़े पदों पर बैठे चीनी सैन्य अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया गया. इन सबको हटाने के पीछे की मुख्य वजह भ्रष्टाचार ही था.
मिशन 2027, जिसका रिपोर्ट में जिक्र
जिस मिशन 2027 के प्रभावित होने की बात की जा रही है, उसको लेकर अमेरिका के सीआईए – केंद्रीय खुफिया एजेंसी का कहना है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपनी सेना को 2027 तक ताइवान पर आक्रमण करने के लिए तैयार रहने का आदेश दे रहे हैं.
पेंटागन का दावा है कि चीन के 2027 के आधुनिकीकरण लक्ष्यों में खुफिया जानकारी, मशीनीकरण में तेजी लाना है. इसके अलावा, चीनी सैन्य सिद्धांतों, कर्मचारियों, हथियारों में आधुनिकीकरण की गति को बढ़ावा देना है.
अमेरिकी अधिकारियों के बड़े दावे
पेंटागन का दावा है कि चीन में भ्रष्टाचार की वजह से इस तरह की सैन्य क्षमता की योजना पर काफी असर पड़ा है. एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा है कि भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चीन के रक्षा उद्योग सहित सैन्य परियोजनाओं को भी धीमा कर सकता है.
रिपोर्ट में चीन के सैन्य रॉकेट बल से कई लोगों को हटाने की ओर इशारा किया गया है, जिसे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स के रूप में जाना जाता है. ये PLA की एक अहम शाखा है जो इसकी सबसे मॉडर्न पारंपरिक और परमाणु मिसाइलों की देखरेख करती है.
रिपोर्ट जारी होने के बाद अमेरिकी सहायक रक्षा सचिव एली रैटनर ने कहा है कि 15 वरिष्ठ अधिकारियों को हटाना छोटी बात नहीं है. चीन का नेतृत्व भ्रष्टाचार विरोधी ऐसे कदम तब तक नहीं उठाएगा जब तक उन्हें ये न लगे कि इससे पीएलए बुरी तरह प्रभावित हुई है.
चीन ने रिपोर्ट को बताया गैर-जिम्मेदाराना
सबसे अहम बात ये है कि चीन के सैन्य सुरक्षा पर लाए गए अमेरिका के रिपोर्ट पर बीजिंग ने भी अपनी प्रतिक्रिया दर्ज कराई है. चीन के विदेश मंत्रालय ने पेंटागन की रिपोर्ट को गैर-जिम्मेदाराना बताया है. चीन का कहना है कि इस तरह के रिपोर्ट के जरिये अमेरिका अपने सैन्य आधिपत्य को बनाए रखना चाहता था.
चीन ने कहा है कि – अमेरिकी रिपोर्ट, पिछले ऐसे ही रिपोर्टों की तरह तथ्यों की अनदेखी करती है. साथ ही, ये पक्षपात से भरी है. चीन ने अमेरिका से ऐसी रिपोर्ट जारी करना बंद करने और इसके बजाय चीन-अमेरिका सैन्य संबंधों की स्थिरता बनाए रखने के लिए व्यावहारिक तौर पर कुछ करने का आग्रह किया है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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