Noida News :
नोएडा में प्रदूषण फैलाने के मामले में सिविल लाइंस स्थित दो प्रमुख अस्पतालों पर जुर्माना लगाया गया है। नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल के निर्देश पर स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर रैंकिंग पाने के उद्देश्य से अधिकारियों की एक टीम ने सफाई व्यवस्था, डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण और कचरा प्रबंधन प्रणाली का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान, सिविल लाइंस इलाके के दो अस्पतालों को पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन करते पाया गया। एक अस्पताल में परिसर के अंदर प्रतिबंधित प्लास्टिक जलाकर प्रदूषण फैलाया जा रहा था, जबकि दूसरे अस्पताल में सालिड वेस्ट में नियमों के विपरीत मेडिकल वेस्ट को मिलाया जा रहा था। इन अनियमितताओं के चलते दोनों अस्पतालों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।
अस्पतालों को नोटिस जारी कर आगाह किया
अपर नगर आयुक्त अतुल कुमार की जांच के बाद सिविल लाइंस स्थित दोनों अस्पतालों पर जुर्माना लगाया गया। साथ ही, अस्पतालों को नोटिस जारी कर आगाह किया गया कि भविष्य में ऐसी गतिविधियां दोबारा पाए जाने पर उन्हें सील करने की कार्रवाई की जाएगी। इस जांच और निरीक्षण अभियान में कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे, जिनमें अपर नगर आयुक्त अतुल कुमार, संयुक्त नगर आयुक्त निशा मिश्रा, उप नगर आयुक्त राजकिशोर प्रसाद, उप नगर आयुक्त रामपाल सिंह, चीफ इंजीनियर डीसी सचान और नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुनील कुमार दोहरे प्रमुख रूप से शामिल थे।
नगर निगम की कड़ी कार्रवाई
बुद्धिविहार में आयुषी प्राइवेट लिमिटेड और आईसी टीम द्वारा कूड़ा संग्रहण का कार्य किया जा रहा था। इस दौरान दो महिलाएं, जो कचरा संग्रहण का काम करती थीं, ने नगर निगम की टीम के साथ अभद्र व्यवहार किया। इस घटना से मौके पर हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई। मामला नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल तक पहुंचने पर उन्होंने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। तत्काल प्रभाव से महिला गीता और अन्य के खिलाफ मझोला थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। हालांकि, उनके द्वारा लिखित रूप में माफी मांगने और निगम के साथ सहयोग करने का आश्वासन देने के बाद शिकायत वापस ले ली गई। इस घटना के बाद, नगर आयुक्त ने सभी अनौपचारिक डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करने वालों से अपील की कि वे नगर निगम के साथ मिलकर व्यवस्थित और अनुशासित रूप से कार्य करें।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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