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विश्व की पहली न्यूक्लियर पावर बैटरी को ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है। यह बैटरी हजारों वर्षों तक चलने में सक्षम है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बैटरी में कार्बन-14 नामक एक रेडियोधर्मी समस्थानिक (आइसोटोप) का इस्तेमाल किया गया है, जिसकी हाफ-लाइफ 5,730 वर्षों की होती है। यह बैटरी डायमंड-आधारित संरचना में कार्बन-14 को एम्बेड करके बिजली उत्पन्न करती है।
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न्यूक्लियर-डायमंड बैटरी कैसे काम करती है
कार्बन-14 और उसका स्रोत
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