मुंबई नाव हादसे में 13 लोगों की मौत.
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में बुधवार को एक बड़ा हादसा हुआ. गेटवे ऑफ इंडिया से 110 यात्रियों को लेकर एलीफेंटा की गुफाओं की ओर जा रही ‘नीलकमल’ नाव में भारतीय नौसेना की स्पीड बोट ने टक्कर मार दी. हादसे के बाद ‘नीलकमल’ नाव समुद्र में पटलने लगी. आनन-फानन में नौसेना, जेएनपीटी, तटरक्षक बल, पुलिस और स्थानीय मछुआरों की नौकाओं की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. तीन नौसिक सहित 13 लोगों की इस हादसे में मौत हो गई, जबकि 101 यात्रियों को बचा लिया गया. बचाए गए लोगों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. वहीं बचाए गए यात्री ने हादसे की आंखों देखी सुनाई…
हैदराबाद के रहने वाले 45 साल के गणेश ने बताया कि नौसेना की नाव अरब सागर में चक्कर लगा रही थी, जबकि हमारी नाव मुंबई के पास एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल एलीफेंटा द्वीप की ओर जा रही थी. मैं दोपहर 3.30 बजे ‘नीलकमल’ नाम की नाव पर चढ़ा था. नाव जब चली तो मैं उसकी डेक पर खड़ा था. जब मैंने नौसेना की नाव को अपनी नाव की तरफ आता देखा तो मेरे दिमाग में एक पल के लिए यह विचार आया कि नौसेना की नाव हमारी नाव से टकरा सकती है और अगले कुछ सेकंड में ऐसा ही हो गया.
नौका तट से 10 किलोमीटर दूर हुआ हादसा
गणेश ने बताया कि जब मैं अरब सागर और मुंबई के आसमान को निहार रहा था, तब नौका तट से लगभग आठ से 10 किमी दूर थी. मैंने देखा कि नौसेना की स्पीड बोट हमारी नौका के पास तेजी से चक्कर लगी रही थी. उन्होंने बताया कि जैसे ही स्पीड बोट हमारी नौका से टकराई, समुद्र का पानी हमारे जहाज में आने लगा, जिसके बाद नाव के चालक ने यात्रियों से कहा कि वे लाइफ जैकेट पहनें, क्योंकि नाव पलटने वाली थी.
15 मिनट तक पानी में तैरते रहे गणेश
गणेश ने बताया कि उन्होंने तुरंत लाइफ जैकेट ली, ऊपर गया और समुद्र में कूद गया. उन्होंने बताया कि वह 15 मिनट तक तैरते रहे, तभी उन्हें पास में ही मौजूद एक अन्य नाव ने बचा लिया और अन्य लोगों के साथ गेटवे ऑफ इंडिया ले आई. उन्होंने बताया कि नौसेना, तटरक्षक और समुद्री पुलिस की बचाव टीम टक्कर के आधे घंटे के भीतर नौका के पास पहुंच गई थी. गणेश ने कहा कि मैं बचाए गए 10 यात्रियों के पहले ग्रुप में था.
‘नीलकमल’ नाव में नहीं थी पर्याप्त लाइफ जैकेट
वहीं बेंगलुरू निवासी विनायक मथम भी इस हादसे में बचने वाले सौभाग्यशाली लोगों में शामिल रहे. उन्होंने बताया कि वह अपने दो सहकर्मियों के साथ इस नौका पर सवार थे. विनायक ने कहा कि पहले तो मुझे लगा कि नौसेना के क्राफ्ट कर्मी मौज-मस्ती के लिए निकले हैं, क्योंकि उनकी नाव हमारी नौका के चारों ओर चक्कर लगा रही थी. विनायक ने कहा कि हमारी नौका में पर्याप्त लाइफ जैकेट नहीं थे. जब यात्री नौका पर चढ़े तो उन्हें लाइफ जैकेट पहनाई जानी चाहिए थी. ये लापरवाही है.
– India Samachar
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