अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की नई सरकार में अगले खुफिया प्रमुख के रूप में चुनी गईं तुलसी गबार्ड न्यू जर्सी में अक्षरधाम मंदिर पहुंची. वहां पहुंचकर उन्होंने कहा कि उनके लिए ये एक शानदार अनुभव है. यहां पर बिताए गए कुछ पल और सभी से मुलाकात वाकई में शांति और खुशी महसूस करा रही है. यहां एक साथ मिलकर काम करने वाले लोगों का मन प्यार, दया और एकता की भावना से भरा हुआ है. तुलसी गबार्ड अक्षरधाम मंदिर में स्वामी महाराज की 103वीं जयंती समारोह में शामिल हुईं.
उन्होंने कहा कि यहां अनुभव काफी अविश्वसनीय है. मंदिर निर्माण में अभूतपूर्व काम के बारे में बताने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यहां आने के बाद जितना शांति और सुकून मैं महसूस कर रही हूं ठीक ऐसा ही अनुभव अक्षरधाम में आने वाला हर शख्स महसूस करता होगा. गबार्ड ने न्यू जर्सी के रॉबिंसविले में 1 हजार से ज्यादा भक्तों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यहां आने के बाद मेरा इतने शानदार तरीके से स्वागत करने के लिए मैं सभी की आभारी हूं.
मंदिर की एक-एक नक्काशी एक कहानी है
तुलसी गबार्ड ने कहा कि इस प्रतिष्ठित मंदिर को बनाने में हजारों लोगों ने मिलकर काम किया है. मंदिर की नक्काशी काफी मनोरम और दिव्य है. नक्काशी में बनी मूर्तियों में से हर एक के पीछे के छिपे अर्थ को देखना काफी अद्भुत है. उन्होंने कहा कि भगवद गीता से कृष्ण और अर्जुन के बारे में कुछ सबसे प्रसिद्ध कहानियों की छोटी नक्काशी सभी को प्रेरित करने वाली है. यह स्थान यहां आने वाले लोगों की प्रार्थनाओं के कारण काफी अहम है. गबार्ड ने मंदिर में फूल चढ़ाए और प्रार्थना किया.
पहली अमेरिकी हिंदू तुलसी गबार्ड
नवंबर में राष्ट्रपति चुनावों में अपनी शानदार जीत के बाद, ट्रम्प ने गबार्ड को 18 अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के कामकाज की देखरेख के लिए राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में नियुक्त किया था. इसमें FBI और CIA शामिल हैं. 2012 में, गबार्ड अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुनी जाने वाली पहली हिंदू अमेरिकी बनीं. 2020 में, उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया. इसके बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के प्राथमिक चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2024 में, 43 साल की तुलसी गबार्ड रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हो गईं.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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