उत्तर प्रदेश का संभल जिला इस समय सुर्खियों में बना हुआ है. हिंसा के बाद से जहां पुलिस-प्रशासन दंगाइयों पर कार्रवाई कर रहा है तो वहीं माननीय भी कार्रवाई के लपेटे में आ रहे हैं. मंगलवार को बिजली विभाग फोर्स के साथ सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क के घर पहुंचा और वहां पर इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगाया. वहीं अब यह जानकारी मिल रही है कि बुधवार यानि 18 दिसंबर को आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम संभल आएगी. अब ASI की टीम जामा मस्जिद के अंदर सर्वे करने आ रही है या किसी और काम से… अभी यह साफ नहीं हो पाया है.
बता दें कि पिछले महीने 19 नवंबर को संभल की स्थानीय अदालत ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर को मस्जिद के सर्वे करने का आदेश दिया था. उसी दिन सर्वे का काम हुआ भी, लेकिन 24 नवंबर को जब सर्वे टीम दोबारा पहुंची तो बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने विरोध किया. इस दौरान हिंसा भड़क उठी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई.
24 नवंबर को भड़की थी हिंसा
सर्वे का आदेश उस याचिका पर सुनवाई के बाद दिया गया था, जिसमें दावा किया गया है कि जिस जगह जामा मस्जिद मौजूद है, कभी वहां हरिहर मंदिर हुआ करता था. 24 नवंबर को भड़की हिंसा की जांच के लिए सरकार ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता वाले इस आयोग में पूर्व आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन अन्य सदस्य हैं. आयोग को दो महीने में जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है.
मुगलकाल में बनाई गई थी संभल की जामा मस्जिद
संभल की जामा मस्जिद उत्तर प्रदेश की एक ऐतिहासिक धरोहर है, जिसे मुगलकाल के दौरान बनाया गया था. यह मस्जिद अपनी स्थापत्य कला और ऐतिहासिक महत्व के लिए जानी जाती है. चूंकि देश में स्थित ऐतिहासिक धरोहर की देख-रेख का जिम्मा ASI (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) का होता है तो ASI टीम भी यहां समय-समय में आती रही है, लेकिन ASI का कहना है कि उनकी टीम को लंबे समय से मस्जिद के अंदर जाने से रोका जाता रहा है.
ऐसे में मस्जिद के भीतर उसका मौजूदा स्वरूप कैसा है, इसकी उसे जानकारी भी नहीं है. हालांकि मस्जिद कमेटी इन बातों से इनकार करती रही है. मस्जिद कमेटी के वकील कासिम जमाल कहते हैं कि ASI वाले अक्सर जांच के लिए आते हैं और जांच करके चले जाते हैं.
ज्ञानवापी मस्जिद का हो चुका सर्वे
यूपी में पिछले कुछ समय से कई ऐतिहासिक इमारतों, खासकर मस्जिदों और दरगाहों को लेकर कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गईं. कोर्ट की तरफ से इन याचिकाओं को स्वीकार करते हुए उनके सर्वे के भी आदेश दिए गए. कई मामले अभी भी आदालतों में लंबित पड़े हुए हैं. इनमें मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि से लगे ईदगाह मस्जिद के सर्वे का भी है. वहीं इससे पहले काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर से लगी ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे हो चुका है.
अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए हमारा एप्प डाउनलोड करें |
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Source link