हिंदी सिनेमा के दौर में कई ऐसे एक्टर्स हुए जिनको रातों-रात सफलता मिली और फिर वो इस चकाचौंध भरी दुनिया से इस कदर गायब हुए कि शायद आज उनका नाम भी किसी को नहीं पता है. आज हम आपको एक ऐसी ही एक्ट्रेस के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका नाम है विमी. विमी ऐसी ही एक्ट्रेस हैं, जिन्होंने रातों-रात स्टारडम पा लिया था और दूसरे ही पल उनसे वो स्टारडम ऐसा छिना कि आखिरी वक्त में उनका अंत बहुत ही दर्दनाक था. चलिए विमी की कहानी को विस्तार से जानें.
विमी 60 के दशक की खूबसूरत अदाकारा थीं, जिनकी एक झलक पाने के लिए लोग तरसते थे. एक शादीशुदा महिला और दो बच्चों की मां होने के बाद भी विमी उस दौर में सबसे डिमांडिंग एक्ट्रेस में से एक थीं. विमी ने सुनील दत्त, शशि कपूर जैसे सुपरस्टार के साथ काम किया था. लेकिन उनको सफलता मिली बीआर चोपड़ा की फिल्म ‘हमराज’ से. इस फिल्म के गाने भी सुपरहिट रहे और मूवी बेस्ट फीचर फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड भी मिला था.
ऐसे मिली सफलता
‘हमराज’ फिल्म विमी के करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई और इससे वो रातों-रात सुपरस्टार बन गईं. उस वक्त हर तरफ विमी के ही चर्चे होने लगे और हर मैगजीन के कवर पेज पर उनकी तस्वीरें नजर आने लगीं. दरअसल उस दौर में किसी मैगजीन के कवर पेज पर आ जाना बड़ी बात मानी जाती थी. कहा जाता था जो स्टार मैगजीन के कवर पेज पर आ गया वो एक बड़ा सितारा है. विमी ने कोलकाता के एक मशहूर बिजनेसमैन से शादी की थी. कहा जाता था कि वो बिजनेसमैन बहुत अमीर था और विमी सिर्फ अपना शौक पूरा करने के लिए फिल्में करती थीं.
करियर में शुरू हुआ डाउनफॉल
फिल्म ‘हमराज’ के बाद विमी ने और तीन फिल्मों में काम किया जो कि फ्लॉप रहीं. इसी के बाद से उनके स्टारडम का डाउनफॉल शुरू हो गया. ‘आबरू’, ‘वचन’ और ‘पतंगा’ नाम की तीनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गईं. जब मूवीज फ्लॉप होने लगीं तो उनको और फिल्मों के लिए ऑफर मिलना भी बंद हो गए. डाउनफॉल के दौरान विमी अपने पति से भी अलग हो गईं और जॉली नाम के एक ब्रोकर के साथ रहने लगीं. इसके बाद तो विमी के हालात इतने खराब हो गए कि उन्होंने सस्ती शराब का सहारा लेना शुरू कर दिया.
अंतिम समय में ऐसे थे विमी के हालात
अंतिम समय में विमी के हालात ऐसे थे कि उनका लीवर पूरी तरह से खराब हो गया था. कहते हैं कि महज 34 साल की उम्र में विमी ने नानावटी अस्पताल के जनरल वॉर्ड में अंतिम सांस ली. उस वक्त उनके पास न तो पति थे और न ही बच्चे. कभी महंगी-महंगी गाड़ियों से मुंबई की सड़कों पर घूमने वाली विमी के शव को ठेले से श्मशान तक पहुंचाया गया था.
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