जॉन अब्राहम ने हर तरह का काम किया है. उन्होंने ‘धूम’ और ‘पठान’ जैसी कमर्शियल फिल्में भी की हैं. ‘मद्रास कैफे’, ‘वॉटर’ और ‘नो स्मोकिंग’ जैसी कंटेन्ट ड्रिवन सिनेमा में भी काम किया. हर तरह के रोल भी उन्होंने निभाए हैं. चाहे ‘फोर्स’ में हीरो बनना हो या फिर ‘पठान’ में विलन. शाहरुख के विपरीत उन्होंने अपनी चमक फीकी नहीं पड़ने दी. कई लोगों ने तो ये भी कहा, ‘पठान’ इसलिए भी चली क्योंकि इसमें जॉन जैसा स्ट्रॉन्ग विलेन था. एक्टिंग में अलग-अलग रोल करने वाले जॉन ने काम भी कई अलग-अलग किए. वो मॉडल रहे. उससे पहले नौकरी की. फिर ऐसा क्या हुआ कि वो एक्टर बन गए. 17 दिसंबर को उनका जन्मदिन होता है, इसलिए आइए इस बारे में आपको बताते हैं.
मिडल क्लास लड़का नौकरी छोड़ मॉडल कैसे बन गया?
जॉन अब्राहम हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के पढ़े-लिखे एक्टर्स में से एक हैं. उन्होंने इकॉनमिक्स में बैचलर्स डिग्री हासिल की. फिर नारसी मोनजी इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजसमेंट स्टडीज़ से MBA किया. इसके बाद मीडिया प्लैनर बन गए. कई फर्म्स में काम किया. ऐसी ही एक नौकरी में उनके बॉस ने कुछ ऐसा कहा, जिसके कारण उन्होंने नौकरी छोड़ दी. बॉस ने ने जॉन को सलाह दी कि उनके पास बढ़िया शरीर सौष्ठव है. इसलिए उन्हें मॉडलिंग में ट्राय करना चाहिए. उन्होंने जॉन को एक मॉडलिंग कंपटीशन भी सजेस्ट किया. जॉन उसमें हिस्सा लेने चल दिए. किसी का जीवन बदलना होता है, तो वक्त नहीं लगता. जॉन के साथ भी ऐसा ही हुआ. उन्होंने कंपटीशन जीत लिया. वो ग्लैडरैग्स सुपरमॉडल ऑफ द ईयर बन गए. इसके बाद इसी कंपटीशन के इंटरनेशनल इवेंट में भी पार्टिसिपेट किया. यहां वो सेकंड आए.
पंकज उधास के गाने ने गेम बदल दिया
जॉन ने इसके बाद मॉडलिंग करनी शुरू की. उन्हें खूब सारे असाइनमेंट भी मिलने लगे. अलग-अलग देशों में जाकर वो मॉडलिंग करने लगे. लेकिन उन्हें हमेशा इस बात का मलाल था कि इंडिया में उन्हें कोई नहीं जान रहा है. इसलिए वो भारत में नाम कमाने वापस आ गए. कुछ ही समय में भारत के सबसे ज़्यादा कमाने वाले मेल मॉडल्स में से एक बन गए. इसी दौरान पंजाबी सिंगर जैज़ी-बी की उन पर नजर पड़ी. उन्होंने जॉन को ‘सूरमा’ नाम के म्यूज़िक वीडियो में कास्ट किया. इसके बाद पंकज उधास का गाना ‘चुपके चुपके’ उन्हें मिला.
शाहरुख की ‘कुछ कुछ होता है’ क्यों रिजेक्ट कर दी?
‘चुपके चुपके’ के जरिए उन्हें भारत में लोग जानने लगे. जॉन को फिल्मों के ऑफर आने लगे. करण जौहर उन्हें शाहरुख खान की फिल्म ‘कभी खुशी कभी ग़म’ में लेना चाहते थे. जॉन ने फिल्म में काम करने से मना कर दिया. दरअसल करण जॉन को एक छोटे से रोल में साइन करना चाहते थे. इसके लिए जॉन राजी नहीं हुए. ये करीना के दोस्त रॉबी का किरदार था.
अक्षय की छोड़ी हुई फिल्म ने ऑस्कर तक पहुंचा दिया
खैर, जॉन ने इसके बाद एक्टिंग सीखी. कोर्स खत्म होने के तुरंत बाद उन्हें महेश भट्ट की ‘जिस्म’ मिल गई. इस फिल्म में उनके बोल्ड सीन्स को पसंद किया गया. इसके लिए उन्हें बेस्ट डेब्यू(मेल) का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला. फिर ‘धूम’ जैसी फिल्म से उन्हें कमर्शियल सक्सेस मिली. दीपा मेहता की ‘वॉटर’ से उन्होंने दुनियाभर में तारीफ़ें बटोरीं. हालांकि ये फिल्म पहले अक्षय कुमार के साथ बनने वाली थी. फिर प्रोजेक्ट विवादों में फंसा, फिल्म बंद हो गई. बाद में इसे जॉन अब्राहम के साथ बनाया गया. ‘वॉटर’ को कनाडा की तरफ से ऑस्कर में भी भेजा गया था. फिल्म नॉमिनेट भी हुई, लेकिन अवॉर्ड नहीं जीत पाई. बहरहाल, हम अपनी कहानी यहीं खत्म करते हैं. काहे कि आगे आप जानते ही हैं कि जॉन ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में क्या-क्या झंडे गाड़े.
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