Greater Noida News :
लुक्सर जेल में बंद किसानों की रिहाई को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने जिला प्रशासन को 22 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। मोर्चा ने चेतावनी दी है कि अगर निर्दोष किसानों को बिना शर्त रिहा नहीं किया गया तो 23 दिसंबर को सिसौली में होने वाली महापंचायत में बड़ा फैसला लिया जाएगा।
126 किसान अब भी जेल में बंद
गौतमबुद्ध नगर में किसान रिहाई को लेकर गांवों और अदालतों में लगातार प्रयास जारी हैं। अब तक सिर्फ 26 किसानों को रिहा किया गया है। जबकि 126 किसान अभी भी जेल में बंद हैं। इस मामले में जिले के वकील भी लामबंद हो गए हैं और गांवों में प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है। किसानों ने जेल में भूख हड़ताल का ऐलान किया था, लेकिन जेल प्रशासन ने इसका खंडन किया। इसके बावजूद किसानों के समर्थकों और जिला प्रशासन के बीच कई दौर की बातचीत बेनतीजा रही है।
मुजफ्फरनगर में पंचायत, टिकैत भाइयों ने दिया समर्थन
रिहाई की मांग को लेकर 300 से अधिक किसानों ने मुजफ्फरनगर के सिसौली में पंचायत की। यह पंचायत चार घंटे चली, जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत और नरेश टिकैत ने किसानों का नेतृत्व किया। नरेश टिकैत ने गौतमबुद्ध नगर के किसानों को हर संभव सहयोग का भरोसा दिया। उन्होंने कहा, “जिला प्रशासन के पास 22 दिसंबर तक का समय है। इसके बाद महापंचायत में आंदोलन को लेकर बड़ा निर्णय लिया जाएगा।”
4 दिसंबर से जेल में बंद हैं किसान
यह पूरा मामला 2 दिसंबर को नोएडा एक्सप्रेसवे से दिल्ली कूच के दौरान शुरू हुआ। बीते 3 दिसंबर को किसानों को राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल से हिरासत में लिया गया और 4 दिसंबर को महापंचायत के बाद रिहा कर दिया गया था। लेकिन उसी रात प्रशासन ने कई किसानों को दोबारा गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद से किसानों की रिहाई को लेकर विवाद और विरोध बढ़ता गया।
अखिलेश यादव ने दिया किसानों का साथ
किसानों की इस लड़ाई में राजनीतिक दल भी समर्थन दे रहे हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रशासन के रवैये की आलोचना की है। वहीं, नोएडा के ग्रामीण और वकील लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने मांग की है कि प्रशासन तुरंत प्रभाव से किसानों को रिहा करे और उनके मुद्दों को लेकर समाधान की प्रक्रिया शुरू करे। मोर्चा ने कहा है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज होगा।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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