Noida News :
नोएडा प्राधिकरण के पूर्व ओएसडी रविंद्र सिंह यादव के नोएडा और इटावा स्थित आवास पर रविवार को विजिलेंस की टीम ने छापा मारा। छापेमारी में 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति का पता चला है। रवींद्र यादव (OSD Ravindra Singh Yadav) मौजूदा समय में निलंबित चल रहे हैं। उन्हें 13 फरवरी 2023 को सस्पेंड किया गया था। बताया जा रहा कि मेरठ विजिलेंस टीम की छापेमारी तीन दिन जारी रहेगी।
कौन हैं रविंद्र यादव
रविंद्र यादव नोएडा विकास प्राधिकरण के पूर्व ओएसडी हैं। फिलहाल वे 13 फरवरी 2023 से निलंबित हैं। लखनऊ के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने आय से अधिक संपत्ति मामले में 13 फरवरी 2023 को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी रविंद्र सिंह यादव को निलंबित कर दिया था। मंत्री ने ओएसडी के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए थे। जांच में पता चला था कि रवींद्र की 2005 से 2018 तक 94 लाख की आय हुई जबकि उन्होंने 2 करोड़ 44 लाख से अधिक खर्च किए।
आय से अधिक संपत्ति का मामला
विजिलेंस के इंस्पेक्टर सुनील कुमार वर्मा की ओर से यह मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसमें कहा गया था कि शासन के आदेश पर 2 जनवरी 2019 को नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन विशेष कार्याधिकारी और वर्तमान में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए थे। इनकी पूरी जांच करने के बाद शासन को विजिलेंस ने रिपोर्ट भेजी थी और शासन से अनुमति मिलने के बाद यह मुकदमा दर्ज हुआ। इसमें आरोप था कि जांच की निर्धारित अवधि में उन्हें कुल 94 लाख 49 हजार 888 की आय हुई, जबकि ओएसडी द्वारा 2 करोड़ 44 लाख 38 हजार 547 रुपए का व्यय किया गया। उन्होंने अपनी आय से 1 करोड़ 49 लाख 88 हजार 659 यानी 158.61 प्रतिशत अधिक व्यय किया था। विजिलेंस के अनुसार इस संबंध में रविंद्र ने जांच अधिकारी को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। वह अपनी अतिरिक्त आय का कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं करा सके।
16 करोड़ की संपत्ति पर जांच
एसपी विजिलेंस के जारी प्रेस नोट के मुताबिक, आरोपी के पास 16 करोड़ रुपये की कीमत का आवासीय परिसर, 37 लाख के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, 62 लाख के आभूषण और 2 लाख 47 हजार की नकदी बरामद की गई है। इसके अलावा, इटावा में स्थित अरिस्टोटल वर्ल्ड स्कूल की कीमत भी लगभग 15 करोड़ रुपये है।
इटावा में पत्नी और बेटे के नाम खरीदी संपत्ति
सूत्रों के मुताबिक औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल नंदी ने बोला था कि अभिलेखीय और मौखिक साक्ष्य के आधार पर रविंद्र द्वारा अपने सेवा काल में अचल संपत्ति और रायफल के क्रय विक्रय के संबंध में सूचना दिया जाना उनकी व्यक्तिगत पत्रावली में अंकित हैं, लेकिन उन्होंने पैतृक विभाग को इस सम्बंध में कोई सूचना नहीं दी, जबकि जांच में उनकी पत्नी सुमन यादव और पुत्र निखिल यादव के नाम पर जसवंत नगर इटावा में 16 अचल सम्पत्तियां खरीदे जाने की पुष्टि हुई। इसकी जानकारी नोएडा विकास प्राधिकरण को संपत्ति खरीदने के पूर्व या बाद में नहीं दी गई।
सीबीआई ने 2007 में की थी जांच
आरोपी रविंद्र यादव ने वर्ष 2007 में नोएडा प्राधिकरण में विशेष कार्यपालक अधिकारी के पद पर रहते हुए नियमों के विरुद्ध एक निजी ग्रुप हाउसिंग सोसायटी आईसीएमआर को 9712 वर्ग मीटर का सरकारी भूखंड आवंटित किया था। उस समय जांच सीबीआई ने की थी। फिलहाल विजिलेंस टीम जांच कर रही है। तलाशी में अब तक मिले अभिलेखों और साक्ष्यों को जांच में शामिल किया जा रहा है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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